शिवसेना को भी नहीं भाया बीजेपी का आखिरी पूर्णकालिक बजट, बताया-सपनों की भूल-भुलैया

खबरें अभी तक। शिवसेना ने बीजेपी के आखिरी पूर्णकालिक बजट को सपनों की भूल-भुलैया बताया है. महाराष्ट्र में पार्टी की साथी रही शिवसेना का मानना है कि ये केंद्र सरकार सपने बेचकर सत्ता में आए हैं. पिछले चार साल के शासन में बीजेपी ने अर्थव्यवस्था के लिए कुछ नहीं किया. अर्थव्यवस्था अभी भी बड़ी सुस्त है, मानों कछुआ छाप अगरबत्ती हो. सरकार को स्वामीनाथम आयोग की रिपोर्ट लागू कर देनी चाहिए. शिवसेना के अखबार सामना में कहा गया है कि अरुण जेटली बजट भाषण के दौरान बहुत दबाव में नजर अ रहे थे.

शिवसेना की ओर से कहा गया है कि मौजदा केंद्र सरकार ने अब तक के कार्यकाल में परिस्थिती बदली नहीं है. शिवसेना ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आखिरी के 10 सालो मे जितने किसानों ने महाराष्ट्र समेत देशभर मे आत्महत्याए की थी, उससे अधिक आत्महत्याएं इस सरकार के सत्ता मे आने के बाद साढे 3 सालों मे हुई हैं.शिवसेना ने कहा कि मोदी सरकार अगर वाकई किसानो के प्रति सचमुच स्नेह रखती है तो फिर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं करती है? सत्ता मे आने से पहले  घोषणा-पत्र मे दिए गए स्वामीनाथन आयोग को लागु करने का आश्वाशन आखिरी बजट में तो पुरा करने का मौका सरकार के पास था, पर ऐसा नहीं किया गया. शिवसेना ने कहा कि  कुल मिलाकर – केंद्रीय बजट का एक लाईन में विशलेषण कियाा जाए तो यह बजट – वही और फिर वही जैसा है.