नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दसवें दिन भी छात्रों का आंदोलन जारी

खबरें अभी तक। 10वें दिन भी नही सुलझा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय छात्रों व प्रशासन के बीच का विवाद। छात्रों ने पत्रकार वार्ता में उठाए यूनिवर्सिटी द्वारा दी जा रही मूलभूत सुविधाओं पर सवाल कहा शिमला में यूनिवर्सिटी नहीं दुकान चल रही है।

2016 में बने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला (घंडल) का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं जैसे पीने के पानी, खाने की गुणवत्ता और क्लास रूम में सुविधाओं की कमी को लेकर कानून की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने सवाल उठाए है। जिसको लेकर छात्र का आंदोलन 10 दिन से जारी है। छात्रों का कहना है कि जितनी फ़ीस यूनिवर्सिटी ले रही उसके बदले सुविधाएं न के बराबर दे रही है। छात्रों की मूलभूत सुविधाओं की 13 मांगे है।

यूनिवर्सिटी के छात्र एसके चौधरी , शिवारमण उज्ज्वल व पाखी जैन का आरोप है कि लाखों की फ़ीस खर्च करने के बाबजुद भी उन्हें घटिया खाना परोसा जा रहा है। पीने के पानी की भी भारी किल्लत है। इंटरनेट की सुविधा भी नहीं है, छात्रावासों के कमरों में पर्दे, पानी और कपड़े धुलाने की सुविधाएं भी नहीं हैं। मेडिकल सुविधा तक यूनिवर्सिटी में मौजूद नहीं है। छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी नही दुकान चल रही है। यूनिवर्सिटी में 400 छात्रों के लिए मात्र एक बस है। आरटीई तक की सूचना यूनिवर्सिटी नहीं दे रही है। यूनिवर्सिटी हर साला 2 लाख 27 हज़ार 500 रुपए फीस ले रही है लेकिन सुविधाएं न के बराबर है।