भुंतर में अगले बरस तू जल्दी आना के साथ विसर्जित हुए भगवान गणेश

ख़बरें अभी तक: कुल्लू के भुंतर में 2 सितंबर से आरंभ हुए गणेश उत्सव का वीरवार को ऋद्धि-सिद्धि के देवता भगवान गजानन की मूर्ति के ब्यास की पवित्र जलधारा में विसर्जन के साथ हुआ। भारी उत्साह के बीच विसर्जन के दौरान भुंतर में शहरवासियों ने अपनी हाजरी भरी और भगवान गणेश को भावनात्मक विदाई दी। वीरवार को पूजा अर्चना व मन्त्रोच्चारण के साथ पुरोहितों ने विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया और श्रद्धालुओं ने अगले साल फिर से मिलने के वायदे के साथ भगवान गजानन को भावुक होकर अलविदा कहा। ब्यास व पार्वती के संगम स्थल पर भक्तों की भीड़ से माहौल देर शाम को भक्तिमय बना रहा, तो शोभायात्रा में वाद्य यंत्रों की धुन व भगवान गणेश के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठा।

दोपहर बाद विधि विधानों के अनुसार पूजा अर्चना हुई तो इसके बाद गणेश जी की मूर्ति के साथ भक्तों का काफिला निकला और पूरे शहर की परिक्रमा की गई जो मुख्य आकर्षण रही। गौर रहे कि पिछले ग्यारह वर्षो से गणपति उत्सव मंडल द्वारा गणपति चौक में गणेशोत्सव मनाया जाता है। 12 दिन तक चले गणेशोत्सव का आज समापन हुआ और गणपति चौक भुन्तर से भुन्तर बाजार होकर संगम स्थल भुन्तर तक ढोल नगाड़े की थाप पर शोभायात्रा निकाली गई जिसमें माता भद्रकाली व नैणा माता अपने हारियानों सहित पधारी। पूरा भुन्तर बाजार गणेश जी के जयकारों से गूंज उठा और गणेश जी के भजनों पर श्रद्धालु झूमते नज़र आये। गणेश जी का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं में एक होड़ सी मच गई। संगम स्थल पहुंचने पर गणेश आरती हुई और उसके बाद व्यास व पार्वती नदी के संगम स्थल पर विधिविधान से गणेश विसर्जन हुआ और श्रद्धालुओं ने गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ बोलकर गणेश जी को विदाई दी।