मदर टेरेसा जिन्होने जनसेवा के लिए समर्पित किया अपना जीवन

ख़बरें अभी तक।  मदर टेरेसा ने अपना सारा जीवन समाज सेवा में बिताया था। उनका जन्म 26 अगस्त, 1910 को हुआ था और मेसेडोनिया की राजधानी स्कोप्जे शहर में पली-बढ़ीं। 1950 मदर टेरेसा ने भारत का रुख किया और कोलकता को अपनी कर्मस्थली बना लिया। उन्होंने 68 साल तक गरीबों और लाचार वर्ग की सेवा कर दुनिया को मानवता की शिक्षा दी। उन्होने जन सेवा के उदेश्य से मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। साल 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों की सेवा का संकल्प लिया था. निस्वार्थ सेवा के लिए टेरेसा ने 1950 में कोलकाता में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की थी।
भारत आने से पहले मदर टेरेसा ऑटोमन, सर्बिया, बुल्गेरिया और युगोस्लाविया की नागरिक रह चुकी थीं। मदर टेरेसा का बचपन से नाम “एग्नेस गौंझा बोनास्क्यू” था। टेरेसा की संस्था ने कोलकाता में कई आश्रम, गरीबों के लिए रसोई, स्कूल, कुष्ठ रोगियों के लिए बस्ती, अनाथों के लिए घर आदि बनवाए। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के साथ भारत रत्न, टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर ऑफ मेरिट और पद्म श्री से नवाजा गया था। वेटिकन सिटी में एक समारोह के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी।