मानसून सत्र में शराब प्रकरण पर गतिरोध समाप्त, प्रशिक्षण पर जाएंगे ऊना के एसपी

ख़बरें अभी तक। ऊना सदर के कांग्रेस विधायक से जुड़े शराब प्रकरण पर हिमाचल विधानसभा में सतापक्ष व विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध बुधवार को समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि इस पूरे मामले की आईजी की देखरेख में सीआईडी निष्पक्ष जांच करेगी तथा ऊना के एस.पी. का जांच प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि ऊना के एस.पी. के 28 अगस्त से 4 सितम्बर तक प्रशिक्षण के लिए हिमाचल से बाहर जाएंगे।

मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ठ विपक्ष ने प्रश्नकाल में हिस्सा लिया तथा मानसून सत्र में पहली बार सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से चली। इससे पूर्व मानसून सत्र की प्रथम दो बैठकों में विपक्ष ने इस मुददे पर भारी हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट किया था।

मुख्यमंत्री ने आज फिर दोहराया कि माफिया के खिलाफ सब को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि माफिया राज को खत्म करने में सफलता तभी मिलेगी जब राजनीति से उपर उठ कर काम करेंगे। उन्होंने साफ किया कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने इसमें विपक्ष से भी सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि विधायक संस्थान का सम्मान करना हमारा दायित्व है।

मुख्यमत्री ने कहा कि ऊना सदर के कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा प्रकरण से संबंधि तमामले को सीआईडी की अपराध शाखा को सौंपा गया है। जांच आईजी स्तर के अधिकारी की देखरेख में होगी तथा एसपी उना से वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक को इस जांच का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि एस.पी. ऊना 28 अगस्त से 4 सितम्बर तक अनिवार्य प्रशिक्षण पर जा रहे हैं। इसलिए इस जांच में वर्तमान एसपी की भूमिका नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसा कि जब विपक्ष बाहर जाता है तो बूरा लगता है तथा जब सामने रहते हैं तो अच्छा लगता है।

इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मामला उठाते हुए आपत्ती जताई कि मुख्यमंत्री ने गत दिन कहा कि विपक्ष को शराब की चिंता है, बाढ़ व बरसात से हुए नुक्सान की नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल हर तरह के माफिया के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार माफिया के खिलाफ कार्रवाई करे, हम सरकार के साथ हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने विधायक की बात रखी थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन मसला उना के एसपी का है। उन्होंने कहा कि एसपी उना को छुटटी पर भेजा जाए, या बर्खास्त किया जाए। उन्होंने सलाह दी कि विपक्ष को बार-बार माफिया से जोड़ने से गुरेज करना चाहिए।