भारी बारिश और भाखड़ा बांध से छोड़े गए पानी से आनंदपुर साहिब में बाढ़, NDRF ने शुरु किया बचाव कार्य

ख़बरें अभी तक। भाखड़ा डैम द्वारा छोड़े गए पानी और लगातार दो दिन से हो रही बारिश और पहाड़ी इलाकों में से आ रहे बारिश के पानी के कारण सतलुज दरिया स्वां नदी और चरण गंगा खड्ड ने भारी मात्रा में पानी आने के कारण श्री आनंदपुर साहिब और श्री कीरतपुर साहिब में बाढ़ के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इन इलाकों में 1988 के बाद ऐसा मंजर देखने को मिला है। वहीं मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद श्री आनंदपुर साहिब बाढ़ ग्रस्त एरिया में एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को बाहर निकाला है। वहीं डिप्टी कमिश्नर रूपनगर ने कहा है कि स्थिति चिंताजनक है। मगर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं लोग भी प्रशासन का पूरा साथ दें।

लगातार हो रही बारिश और भाखड़ा डैम द्वारा छोड़े गए पानी के कारण सतलुज और स्वां नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण श्री आनंदपुर साहिब और श्री कीरतपुर साहिब के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोगों के घरों में 4 से 5 फीट तक पानी घुस गया है। लोग बाढ़ के पानी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं इस बाढ़ के कारण सत्र दरिया के किनारे की जमीनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है कई एकड़ जमीन सतलुज दरिया में बह चुकी है। लोगों का कहना है कि उनके मवेशियों के लिए चारा और मकई और धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। लोगों ने प्रशासन और सरकार पर भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें हर साल सतलुज दरिया के कहर का सामना करना पड़ता है। वोटों के समय राजनीतिक पार्टियों के नेता उनके पास आते हैं और उनकी समस्या का हल करने की बात कहते हैं। मगर वोटों के बाद कोई भी उनकी समस्या का हल करने नहीं आता।

बीसी वहीं मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद केंद्र की एनडीआरएफ की टीम भी बाढ़ ग्रस्त इलाके में लोगों की सहायता के लिए सुबह से पहुंच चुकी है। एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ ग्रस्त इलाके में फंसे सैकड़ों लोगों और उनके मवेशियों को बाहर निकाला। लोग अपने अपने स्तर पर भी गांव में कार्य कर रहे हैं।

 

वहीं इस बारे में डिप्टी कमिश्नर रूपनगर अपने हमसे बातचीत करते हुए कहा कि वाकई में स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है और लोगों को फिर भी घबराने की जरूरत नहीं है। उनकी टीम में सभी गांव में लगी हुई हैं। सभी विभाग के अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है और हर एक अधिकारी को चार से पांच जेसीबी मशीनें दी गई है। गांव के नौजवानों से अपील की कि वे प्रशासन का साथ दें और बुजुर्ग औरतों और बच्चों की सहायता करें ताकि कम से कम नुकसान हो। वहीं डिप्टी कमिश्नर ऑफ नगर ने कहा कि अगर कोई गांव अपने स्तर पर बचाव कार्य कर रहा है तो उस गांव का जो भी खर्च आएगा उसका सारा खर्च प्रशासन और सरकार की ओर से दिया जाएगा।