शिमला में रोज़ी रोटी के लिए आए कश्मीरी खानों की फीकी रही ईद

ख़बरें अभी तक। शिमला में ईद उल जुहा का त्यौहार का रंग रहा फीका। ना गले मिले ना नयेवस्त्र पहने। विदेशो से मित्रो के फोन तो आए परन्तु परिवार से बात ना हो पाई। परिवार की खेर खबर ना होने से इस साल ईद का त्योहार खुशी से नहीं मनाया गया।

शिमला में रहने वाले कश्मीरी मूल के लोगों का कहना है कि आज उन्होंने केवल नमाज़ पढ़ी परन्तु ना खुशी से आपस में गले मिले ना नए परिधान पहनने। घर पर बात ना होने से सभी कश्मीरी मूल के स्थानीय लोग बहुत दुःखी है। सरकार से उनकी अपील थी कि कम से कम आज के दिन फोन करने की सुविधा देनी चाहिए थी ताकि परिवार से बात हो सके।

विदेशो से मित्रो की मुबारक तो मिल रही है परन्तु अपने परिवार से बात ना होने से आंखे नम है। साथ ही उनका कहना है कि आजकल तरह तरह के खबरे सोशल मीडिया पर आ रही है जिनका पता नहीं कि वह सत्य है या झूठ जिसे दिल में और डर का भाव पैदा हो जाता है।