महाकाल उज्जैन में सावन के आखिरी सोमवार को लगा भक्तों का तांता

ख़बरें अभी तक। श्रावण मास का चौथा व अंतिम सोमवार है। सोमवार होने के कारण आज सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में दर्शन हेतु श्रद्धालु देर रात से कतार में लगे हुए है। तड़के 2.30 बजे बाबा महाकाल की भस्मारती शुरू हुई जिसके हजारो श्रधालुओं ने दर्शन किए। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तुरन्त मुक्ति मिलती है।

श्रावण के अंतिम सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध,दही,घी,शहद व फलो के रसो से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए। तत्पशचात बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते है इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है।

भादो मास में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की भी परंपरा हे इसलिए आज शाम को बाबा की सवारी भी निकाली जाएगी। मान्यता है कि अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए सवारी के रूप में राजा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हे। यहां बाबा की सवारी के दर्शन के लिए लाखो की संख्या में श्रद्धालु सड़को के किनारे घंटो इन्तजार करते हे और महाकाल की एक झलक पा कर अपने आप को धन्य मानते है।