सुषमा मृदु भाषी थी और मृदु भाषी होते वह अपनी पैनी से पैनी बात आसानी से कह जाती थी

ख़बरें अभी तक। अंबाला की बेटी और देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने कॉलेज की पढ़ाई अंबाला के एसडी कॉलेज से पूरी की। सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन की खबर कॉलेज के प्रिंसिपल और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों पर दुखों का पहाड़ बन कर टूटी, क्योंकि सुषमा ना केवल अंबाला की बेटी है बल्कि उस कॉलेज की आन बान और शान है। कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षक आज भी वहां पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को सुषमा स्वराज की गाथाएं सुना कर उन्हें सुषमा जैसा बनने की सीख दिया करते हैं।अंबाला के एसडी कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने वाली सुषमा स्वराज की यादें आज भी कॉलेज के प्रांगण में गूंजती है। सुषमा स्वराज ने 1966 में अंबाला के एसडी कॉलेज में दाखिला लिया था, सुषमा लगातार 3 साल एनसीसी की बेस्ट केडिट रही। सुषमा जब मंच पर बोलती थी तो उनकी आवाज और शब्दों में ऐसा जादू होता था कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता था यही कारण रहा कि सुषमा लगातार 4 सालों तक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ और हरियाणा की बेस्ट स्पीकर बन कर अपना परचम लहराती रही।इसी कॉलेज ने सुषमा स्वराज को 1970 में कॉलेज के सबसे बेहतरीन स्टूडेंट अवॉर्ड से नवाजा। सुषमा के उसी कॉलेज के प्रिंसिपल आज भी सुषमा का नाम लेकर वहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को मोटिवेट करते हुए उन्हें भविष्य की सुषमा स्वराज बनने की प्रेरणा देते हैं। सुषमा स्वराज के ही कॉलेज से पढ़े हुए डॉक्टर संजीव सुषमा के जूनियर रहे हैं और कई बार उनके साथ कई कार्यक्रमों में मंच भी सांझा किया है। सुषमा की मंच पर भाषा पर जो पकड़ थी उसके वो आज भी कायल है। प्रोफेसर संजीव की मानें तो सुषमा बहुत स्पष्टता से अपनी बात कह जाती थी, सुषमा मृदु भाषी थी और मृदु भाषी होते वह अपनी पैनी से पैनी बात आसानी से कह जाती थी।सुषमा की इन्हीं खूबियों के कारण उन्हें आज तक कोई मंच पर हरा नहीं पाया। एसडी कॉलेज में ही पढ़ाने वाले डॉक्टर युवी सिंह ने बताया कि सुषमा स्वराज मंत्री बनने के बाद भी कभी कॉलेज को नहीं भूली और हमेशा अपने कॉलेज के लिए उन्होंने अपना पूरा योगदान दिया। आज वो हमारे बीच नहीं है और उन्हें खोने का दर्द हर किसी के सीने में है। अंबाला की बेटी कहलाई जाने वाली सुषमा स्वराज ने,  न केवल अम्बाला,  बल्कि पूरे हरियाणा सहित देश का सर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब सुषमा नहीं रही तो हरियाणा सरकार ने भी, दुख की इस घड़ी में 2 दिन का राजकीय शोक घोषित करते हुए पार्टी और सरकार के सभी तरह के कार्यक्रम रद्द कर दिए।