भारत में बैन हो सकती है क्रिप्टो करेंसी

ख़बरें अभी तक। केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा सकती है। क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार के मंत्रियों की एक समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में समिति ने सरकार से प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। अपनी सिफारिश में समिति ने क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन से संबंधित किसी प्रकार की गतिविधि में शामिल लोगों पर जुर्माना लगाने की बात कही है। इससे पहले सरकार ने संसद में माना था कि भारत में क्रिप्टो करेंसी पर फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं है।

सरकार ने दो नवंबर 2017 में क्रिप्टो करेंसी की रूपरेखा और इसके प्रभावों को लेकर मंत्रियों की एक समिति का गठऩ किया था। इस समिति में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर समेत सेबी के चेयरमैन और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे। वहीं सरकार को सौंपी अपनी सिफारिश में समिति ने यह भी कहा है कि सरकार आधिकारिक डिजिटल करेंसी को लेकर विचार कर सकती है। लेकिन सरकार कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले संबंधित विभागों से सलाह मशविरा कर सकती है।

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है। इसका इस्तेमाल शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है। यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है। सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी और बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी थी। वहीं फेसबुक ने भी अपनी क्रिप्टो करेंसी लिब्रा लाने का एलान किया है।