आश्रमों में रहने वाले लोगों व साधु-संतों, महंतों का होगा मुफ्त इलाज

ख़बरें अभी तक। गुजरात सरकार साधु-संतों व महंतों और आश्रम एवं अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रमों, विधवा आश्रम में रहने वालें लोगों के लिए खुशखबरी लाई है। गुजरात सरकार अब इन लोगों को चिकित्सा की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाएगी। सरकार ने राज्य के विधायकों से अनुरोध किया है कि वे अपनी तथा परिवार की चिकित्सा करवाने में सक्षम हैं इसलिए इसका खर्च राज्य सरकार पर न डालें। उन्हें यह सुविधा मुफ्त में ही उपलब्ध करवायी गयी है। गुजरात के स्वास्थ्य व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने विधानसभा में इस आशय की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के गरीब एवं आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग को आय प्रमाण पत्र के आधार पर चिकित्सा सुविधा मुफ्त में ही उपलब्ध करवाती है। परन्तु राज्य के वृद्धाश्रमों, विधवा आश्रमों और अनाथ आश्रमों में शरण लेने वालों को आय का प्रमाणपत्र प्राप्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार राज्य के मंदिरों के साधु संत महात्माओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

इसलिए इन्हें भी सरकार चिकित्सा सुविधा मुफ्त में ही उपलब्ध करवायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 1.34 लाख एवं वर्ष में 4.88 करोड़ लोगों की ओपीडी में जांच की जाती है। सन् 2018 में 50.60 लाख मरीजों को विविध सरकारी अस्पतालों में भर्ती कर चिकित्सा की गयी। राज्य में जन्में कुल 12 लाख में से 6.57 लाख शिशुओं का जन्म अस्पताल में हुआ था। वहीं विधानसभा में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में पटेल ने कहा उन्होंने उनके घुटने के ऑपरेशन का सारा खर्च खुद उठाया है। सरकार से किसी भी प्रकार की मदद नहीं ली है।