बच्चे गंदे कैमिकल से भरे जहरीले काले पानी से गुजरने को मजबूर

ख़बरें अभी तक। पढ़ेगा इण्डिया बढ़ेगा इंडिया ये स्लोगन सुनने में अच्छा लगता है। लेकिन जमीनी हकीकत ये है आज भी सरकारी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे गंदे कैमिकल से भरे जहरीले काले पानी से गुजर कर स्कूल जाने को मजबूर है। पानीपत की इंदिरा कलोनी के बच्चों को स्कूल जाने में जदोजहद करनी पड़ रही है।  हर रोज बच्चे गटर के व् फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले कैमिकल भरे पानी से गुजरने पर मजबूर है। सालाना करोड़ों का टैक्स देने वाले पानीपत की इससे बुरे दिन और क्या हो सकते है।ऐतिहासिक नगरी पानीपत की ये तस्वीरें देखकर अंदाजा लगाइये जिस देश का भविष्य गंदे जहरीले कैमिकल युक्त पानी से गुजर कर स्कूल जाता हो उस देश में बुलेट ट्रैन चलाने की बात बेमानी होगी। पानीपत नगरी में साधन सम्पन घरों के बच्चे तो स्कूल बसों में बैठकर क्लास में पहुंच जाते है। मगर सरकारी स्कूलों के बच्चों को रोज स्कूल तक पहुंचने में जद्दोजहद करनी पड़ती है। तस्वीरें पानीपत की इंदिरा कलोनी की है।जहां बिना बरसात के ये नजारा रोज देखने को मिलेगा एक तरफ गटर का पानी दूसरी तरफ पास में मौजूद फैक्ट्रियां यहां पर जहरीला कैमिकल से भरा पानी छोड़ देती है। इसी जहरीले पानी के अंदर से होकर स्कूली बच्चो को स्कूल तक का सफर करना पड़ता है। पानी में गिरकर कभी कपड़े खराब हो जाते है तो कभी चोट लग जाती है। वहीं इस पानी की वजह से त्वचा रोग भी बच्चों को हो सकते है। शिक्षा को लेकर किये गए वादों की पोल खोलती है ये तस्वीर। करोड़ों रुपयों का टेक्स देने नगरी की विकास की ये तस्वीर शायद यहां के नेताओं को नहीं दिखती होगी। दिख जाती तो शायद सरकारी स्कूलों के बच्चे इन हालातों से नहीं गुजरते।