क्या आप जानते है Chandrayaan-2 मिशन की कमान कौन संभाल रही है

ख़बरें अभी तक। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मून मिशन Chandrayaan-2 आज 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे लॉन्च हो चुका है। मगर क्या आप जानते है इस मून मिशन की कमान किसके पास है। जी हाँ आज हम आपको उन दो महिलाएं के बारें में बताएंगे जो इसे संभाल रही हैं। चंद्रयान-2 को संभालने वाली दो महिला  ऋतु करीधल और एम. वनीता है जो कि इस मिशन को देख रही है।

चंद्रयान-2 की डायरेक्टर ऋतु करीधल है और एम. वनीता इस मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। बता दें कि डायरेक्टर ऋतु करीधल को ‘रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। वह मार्स ऑर्बिटर मिशन में डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर भी रह चुकी हैं। करिधल के पास एरोस्पेस में इंजीनियरिंग डिग्री है। ऋतु करीधल लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। उन्हें साल 2007 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से ‘इसरो यंग साइंटिस्ट’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। वह करीब 20-21 सालों में इसरो में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी हैं। इनमें ‘मार्स ऑर्बिटर मिशन’ बहुत महत्वपूर्ण रहा है। ऋतु करीधल के दो बच्चे है जिनमें एक और बेटी हैं।

एम. वनिता चंद्रयान-2 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर काम कर रही हैं। वनीता के पास डिजाइन इंजीनियर का प्रशिक्षण है। उन्हें ‘एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया’ से 2006 में ‘बेस्ट वुमन साइंटिस्ट’ का अवॉर्ड मिल चुका है। वह कई वर्षों से सेटेलाइट पर काम करती आई हैं। चंद्रयान-2 एक खास उपग्रह है क्योंकि इसमें एक ऑर्बिटर है। एक ‘विक्रम’ नाम का लैंडर और एक ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर है। पहली बार भारत चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ (बिना उपग्रह को नुकसान पहुंचाए) करेगा, जो सबसे मुश्किल काम होता है। इसकी कुल लागत 900 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।

3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को देश के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी मार्क-तीन के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। जी हां, यह पहली बार नहीं है जब इसरो में महिलाओं ने किसी बड़े अभियान में अहम भूमिका निभाई हो। इससे पहले ‘मंगल मिशन’ में भी आठ महिलाओं की खास भूमिका रही थी। इसरो के अध्यक्ष डॉ. के सिवन ने कहा था, ‘हम महिलाओं और पुरुषों में कोई अंतर नहीं करते। बता दें कि इसरो में करीब 30 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं।