शीला दीक्षित का निधन- “वो मुस्कुराता हुआ चेहरा जाने कहां छुप गया, आया हवा का झौंका और वो झुक गया”

खबरें अभी तक। आज 20 जुलाई 2019 को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का निधन हो गया. शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार थी और  एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था. लंबे समय से बीमार कांग्रेेस की बेटी शीला दीक्षित को आज 3 बजकर 5 मिनट पर दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर में रखा गया. लेकिन डॉक्टरों की दवा भी कांग्रेस की बेटी को बचा नहीं पाई और 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया.

क्यों कांग्रेस के लिए अहम थीं शीला दीक्षित

उपर हमने बार-बार शिला दीक्षित को कांग्रेस की बेटी कहा है, जिसे देखकर आप कशमकश में जरुर पड़ गए होंगे, और आप सोच रहे होंगे की कांग्रेस की बेटी तो इंदिरा गांधी, प्रियंका गांधी को बोला जाता है लेकिन  इन्हें क्यों कांग्रेस की बेटी कहकर संबोधित किया जा रहा है. दरअसल कांग्रेस के साथ शीला दीक्षित का शुरु से ही नाता रहा है. शीला दीक्षित के राजनीतिक गुरु उनके ससुर उमाशंकर दीक्षित थे. वे कांग्रेस के नेता थे और कांग्रेस से उनके संबंधन एक परिवार से कम नहीं थे. इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. इंदिरा गांधी को शीला दीक्षित का मिजाज भी बहुत भाता था और खास तौर से खाना खाने के बाद उनकी गर्म जलेबी के साथ आईसक्रिम देना इंदिरा गांधी को बहुत पसंद था. एक बार उमाशंकर दीक्षित ने इंदिरा गांधी को खाने पर बुलाया था. इंदिरा खाने के लिए उमाशंकर दीक्षित के घर पहुंचती है. खाना खाने के बाद शीला दीक्षित ने इंदिरा गांधी को गर्म जलेबी के साथ आईस्क्रीम दी जो कि इंदिरा गांधी को बहुत पसंद आया. और भी ऐसी कई बातें हैं जो दीक्षित का कांग्रेस की बेटी होना शाबित करती हैं और राहुल गांधी भी शीला दीक्षित को लेकर अपने भाषणों में कहा करते हैं कि शीला दीक्षित कांग्रेस की बेटी हैं.

शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर

शीला दीक्षित का जन्म 31 मई 1938 को हुआ था शीला दिक्षित पहली देश की पहली महिला है जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री का पद संभाला है. 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला. 2013 में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद शीला दीक्षित को अपना पद छोड़ना पड़ा था. शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.

वो मुस्कुराता हुआ चेहरा जाने कहां छुप गया, आया हवा का झौंका और वो झुक गया