ख़बरें अभी तक। मुख्यमंत्री ने कहा मैंने स्वयं घटना की जानकारी ली और कार्यवाही का आदेश दिया। 1955 से 1985 तक यह जमीन सोसाइटी के नाम थी। 1985 के बाद एक व्यक्ति के नाम यह जमीन चढ़ा दी गई। 2017 में वहीं के ग्राम प्रधान को यह जमीन बेच दी गई। वनवासी समाज के लोग इस जमीन में काबिज थे, जब उन्हें बेदखल करने की बात आई तो यह घटना होती है।
वहीं सीएम योगी ने का कि ग्राम पंचायत की भूमि उसे 1955 में जब कांग्रेस की सरकार थी तो इसे गलत तरीके से आदर्श सोसाइटी के नाम दर्ज कर दिया गया। किसी ग्राम के जमीन को पहले सोसाइटी के नाम पर करना और फिर किसी व्यक्ति के नाम करना यह गलत था। ग्राम प्रधान ने कई बार कब्जा लेने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहे। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब ही यह गलत कार्य हुआ।
वहीं सीएम ने कहा कि एसडीएम को निलंबित करने का निर्णय हुआ, साथ ही पुलिस के कर्मियों को शिथिलता बरतने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया गया। “तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो 1955 से लेकर अब तक क्या शिथिलता बरती गई है वह रिपोर्ट 10 दिन में दे। “प्रमुख सचिव राजस्व, की अध्यक्षता में यह कमेटी बनी है, अपर सचिव वाराणसी जोन से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है वह बताए कब आपराधित शिथिलता बरती गई है। 10 लोगो की जो मौत हुई है 5 लाख रुपये, घायलों को 50 हजार रुपये और चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।