हिमाचल: ऊना शहर में बेसहारा गौवंश दे रहे हादसों को न्यौता

ख़बरें अभी तक। ऊना शहर में हाइवे पर दर्जनों बेसहारा गौवंश हादसों को न्यौता दे रहे है। बेसहारा गौवंश से जहां सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है वहीं बीच सड़क में ही इनके कोहराम मचाने से कई राहगीर भी जख्मी हो चुके है। ऐसा नहीं है कि नगर परिषद द्वारा इन गौवंश को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। करीब डेढ़ वर्ष पहले समूर गांव में 34 लाख रुपये खर्च कर नगर परिषद ऊना सहित सात गांव के बेसहारा गौवंश को आश्रय देने के लिए गौशाला का निर्माण किया गया था लेकिन गौशाला के उद्घाटन के बाद से नगर परिषद ने इस गौशाला का रूख तक नहीं किया।

वहीं विपक्ष सरकार पर गाय के नाम पर टैक्स लेने के बाबजूद भी इनका संरक्षण न करने के आरोप लगा रहा है। ऊना शहर के वाशिंदें इन दिनों बेसहारा गौवंश से खासे परेशान है। ऊना शहर में दर्जनों गौवंश को हाइवे पर घूमते और कोहराम मचाते देखा जा सकता है। सड़क पर लावारिस हालत में घूमने वाले इन गौवंश से आये दिन सड़क हादसे हो रहे है वहीँ बेसहारा गौवंश द्वारा कई लोगो को भी जख्मी किया जा चुका है। वहीं कई दफा तो यह गौवंश आपस में भी भीड़ जाते है जिससे हाइवे पर काफी लंबा जाम तक लग जाता है।

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और नगर परिषद से इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों की माने तो बेसहारा गौवंश के कारण कई दफा हादसे पेश आते है और इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को इन गौवंश को गौशाला में रखने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। वहीं ऊना नगर परिषद कार्यकारी ईओ व तहसीलदार ऊना विजय राय भी मानते है कि नगर परिषद क्षेत्र में बेसहारा गौवंश घूम रहे है।

कार्यकारी ईओ की माने तो ऊना शहर में साथ लगती पंचायतों से गौवंश को छोड़ा जा रहा है जिस कारण यह समस्या पेश आ रही है। वहीँ कार्यकारी ईओ द्वारा नगर परिषद द्वारा समूर गांव में निर्मित गौशाला में समय समय पर बेसहारा गौवंश को पहुंचाने का दावा भी किया गया। वहीं समूर गांव में निर्मित गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष मनोहर लाल ने नगर परिषद और सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। मनोहर लाल की माने तो नगर परिषद द्वारा इस गौशाला का संचालन करने के लिए हाथ खड़े कर दिए गए है।

मनोहर लाल ने कहा कि उद्घाटन के बाद से ही नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या सदस्य द्वारा गौशाला के लिए कोई सहयोग नहीं किया गया है। वहीं मनोहर लाल ने बताया कि स्थानीय लोग ही इस गौशाला को चला रहे है। मनोहर लाल सरकार द्वारा भी गौशाला के लिए कोई मदद ना करने से खासे आहत है। मनोहर लाल की माने तो डेढ़ साल में पशु चारे के लिए सरकार की ओर से केवल 16 हजार रुपये मिले थे जिससे खरीदा गया चारा सिर्फ 5 दिन ही चल पाया।

वहीं नगर परिषद के कार्यकारी ईओ विजय राय ने कहा कि नगर परिषद द्वारा 34 लाख रुपये की राशि खर्च कर गौशाला का निर्माण करवाया गया है, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। कार्यकारी ईओ ने गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा समय समय पर गौशाला के लिए राशि जारी की गई है।

वहीं गौशाला पर उठ रहे सवालों पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। ऊना सदर से कांग्रेस के विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि सरकार गाय के नाम पर लाखों रुपये राजस्व इकट्ठा कर रही है लेकिन गौशालाओं में सरकार की भागीदारी नाममात्र ही है। रायजादा ने कहा कि जो गौशालाएं चल भी रही है वो केवल लोगों के सहयोग से ही काम कर रही है।