अपोलो 11 मिशन के 50 साल पूरे, गूगल ने डूडल बनाकर दी बधाई

ख़बरें अभी तक। लगभग 50 साल पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपोलो-11 मिशन के तहत पहली बार चंद्रमा पर किसी इंसान को भेजा था। पहली बार चांद पर पहुंचने वाला वह इंसान नील आर्मस्ट्रॉन्ग था। आर्मस्ट्रांग के कुछ मिनट बाद एडविन ‘बज’ एल्ड्रिन ने चंद्रमा की धरती पर कदम रखा था। तीसरे अंतरिक्ष यात्री माइकल कॉलिंस ने ऑरबिट पायलट की जिम्मेदारी संभाली थी। वहीं गूगल ने आज डूडल बनाकर इस मिशन के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी है। इस डूडल में वीडियो के जरिए दिखाया गया है कि कैसे अपोलो 11 को सफल बनाने में चार लाख लोगों की टीम का हाथ था।

अपोलो 11 का मकसद था, इसमें बैठे तीनों एस्ट्रोनॉट्स (नील आर्मस्ट्रॉन्ग, एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन और माइकल कॉलिन्स) को सुरक्षित चांद पर ले जाकर पृथ्वी पर वापस लाना। माइकल कॉलिन्स बतौर पायलट अपोलो 11 में मौजूद रहे. वहीं, नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन ने चांद पर कदम रखा। नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन दोनों की चांद पर लैंडिंग को 50 साल 20 जुलाई 2019 को होंगे। बता दें, अपोलो 11 को 1969 में कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से सुबह 08:32 पर लॉन्च किया गया था।

अपोलो 11 में माइकल कॉलिन्स ने मॉड्यूल पायलट की जिम्मेदारी संभाली थी, जिससे नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन चांद पर भ्रमण के लिए निकले। जिस लूनर मॉड्यूल से ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स अपोलो 11 से निकल चांद तक पहुंचे उसे ‘द ईगल’ नाम दिया गया था। चांद पर दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने 21 घंटे 31 मिनट तक समय बिताया। एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन ने नील आर्मस्ट्रॉन्ग के 19 मिनट बाद चांद पर कदम रखा। दोनों ने स्पेस क्राफ्ट पर 2 घंटे 15 मिनट बिताए।

लेकिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन के लिए चांद तक पहुंचने का ये सफर आसान नहीं था। सबसे पहले दोनों एस्ट्रोनॉट्स का पृथ्वी से रेडियो कॉन्टेक्ट टूटा। इसके बाद ऑनबोर्ड कम्प्यूटर में कई एरर कोड्स आने लगे। इतना ही नहीं, ‘द ईगल’ में ईंधन की कमी भी सामने आई। लेकिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन एल्ड्रिन दोनों ने मिलकर सफलतापूर्वक इन परेशानियों का सामना कर 20 जुलाई, 1969 को चांद पर लैंडिग की।