पंजाब: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के ड्रीम प्रोजेक्ट बीआरटीएस की अब एक बार फिर लगी ब्रेक

ख़बरें अभी तक। अमृतसर के अंदर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के ड्रीम प्रोजेक्ट बीआरटीएस की अब एक बार फिर ब्रेक लग गई है। पिछले लंबे समय से चले आ रहे बीआरटीएस प्रोजेक्ट जोकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद बंद हो गया था। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर बीआरटीएस में जान डालते हुए इस बीआरटीएस प्रोजेक्ट को को शुरू किया था।

जिसमें की 3 महीने लगातार अमृतसर के लोगों को फ्री सेवा दी गई थी। जिसके बाद धीरे-धीरे जनता को ऐसी बसों की आदत पड़ गई। लेकिन अब बीआरटीएस बस बंद होने के बाद पंजाब सरकार के पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं। लिहाजा बीआरटीएस बस ड्राइवरों ने विभाग के खिलाफ आज मोर्चा खोल दिया है और बीआरटीएस बसों का स्टाफ आज बीआरटीएस बस स्टैंड वेरका मैं धरने पर बैठ गए हैं। वहीं इस मौके पर बस ड्राइवर कर्मचारियों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंजाब सरकार को चेतावनी दी है और कहा कि उनको पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला जिससे उनके घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा है। वहीं इस मौके पर उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पंजाब सरकार ने उनकी मांगे ना मानी तो वे लंबे समय के लिए हड़ताल पर चले जाएं।

पिछले दो साल से कछुआ चाल से चल रहे बीआरटीएस प्रोजेक्ट की बसों ने वीरवार को रफ्तार नहीं पकड़ी और बीआरटीएस बस स्टैंड पर चक्का जाम कर दिया । पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने बीआरटीएस की 94 बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया था। गुरु नगरी देश का 13वां ऐसा शहर है जहां बीआरटीएस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बसें चलाई गई थी। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने 2014 में इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। सुखबीर ने अक्तूबर 2016 में इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था।

बीआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए बनाए गए विशेष रास्ते में जहां 94 बसें थोड़ी, फंड की कमी के कारण पंजाब सरकार ने एक बार तो 545 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय कर लिया था, लेकिन नवजोत सिद्धू की कोशिशों से यह प्रोजेक्ट दो वर्ष के बाद शुरू हो सका था। मीडिया से बातचीत में सिद्धू ने कहा कि गुरु नगर वासियों को इन बसों में तीन महीने तक मुफ्त यात्रा करवाई जाएगी। तीन महीने बाद स्कूली बच्चे इन बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। कॉलेज स्टूडेंट्स को 66 फीसदी, वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांग यात्रियों को 50 फीसदी रियायत के साथ सफर करने की सुविधा दी गई थी। कोई भी यात्री 25 रुपये का पास बना कर पूरे एक दिन यात्रा कर सकता है।

लेकिन इन सभी सुविधाओं के बाद आज अमृतसर के लॉगइन सुविधा से वंचित नजर आ रहे हैं। वह इस मौके पर लोगों ने विचार सांझा करते हुए कहा है कि जिस तरह से अमृतसर के अंदर बीआरटीएस ने बसेन शुरू की थी। उनको एक आदत सी हो गई थी एसी बसों में जाने की और भी इस मौके पर यात्री जिन्होंने बस के पास बनाए हुए थे। काफी बेबस और मयूस नजर आए वहीं यात्रियों का कहना था कि उन्होंने इन बसों के पैसे देकर पास बनाए हुए हैं। लेकिन आज बसें बंद होने के कारण उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस मौके पर लोगों ने पंजाब सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द बीआरटीएस को शुरू किया जाए तो उनको खजल खुवारी से बचा जा सके।