शहीद रमेश सिंह नेगी हुए पंचतत्व में विलीन, प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता के ना पहुंचने पर लोगो में नाराजगी

ख़बरें अभी तक। शहीदों को लेकर हमारे नेता और अधिकारी कितना गंभीर हैं। इसका बानगी आज हरिद्वार में शहीद रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में देखने को मिली जहां हरिद्वार खड़खड़ी श्मशान घाट पर शहीद रमेश सिंह नेगी को पूरे सैनिक सम्मान से अंतिम विदाई दी गई। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को परिवारजनों द्वारा जानकारी देने के बाद भी ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी शहीद के अंतिम संस्कार में पहुंचा और ना ही कोई राजनेता इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहीदों को लेकर प्रशासनिक अधिक और राजनेता कितने गंभीर होते हैं।

चमोली जिले के रहने वाले रमेश सिंह नेगी भारतीय सेना में 11 जाट रेजीमेंट में हवलदार के पद पर थे और अफ्रीका की लेबनान देश में शांति सेना में तैनात थे बीती 10 जुलाई को हार्टअटैक से रमेश सिंह नेगी की मौत हो गई थी जिसके बाद कल देर रात उनका शव रुड़की स्थित आवास पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ लाया गया आज हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया शहीद के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में पारिवार और आसपास के क्षेत्रों के लोग पहुंचे लेकिन जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का कोई भी नुमाइंदा शहीद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली

शहीद के भाई और मित्र का कहना है कि रमेश सिंह नेगी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे वह परिवार के साथ सभी लोगों को एक समान देखते थे उनके अंदर पूरे समाज और परिवार के लिए समर्पित भाव था उनके चले जाना ना सिर्फ परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी क्षति है। रमेश सिंह नेगी के परिवार में माता पिता और दो बच्चे हैं। वहीं रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार में किसी भी प्रशासनिक और राजनेता के ना पहुंचने पर शहीद के मित्र हेमंत बड़थ्वाल का कहना है कि उनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई थी मगर बड़े दुख का विषय है कि शहीद के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता उनको अंतिम विदाई देने नहीं पहुंचा इससे उनका सेना का प्रति रवैया पता चलता है। रमेश सिंह नेगी देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं यह बड़ी दुख की बात है कि कोई भी अधिकारी और राजनेता यहाँ नहीं आया है।

रमेश सिंह नेगी आज देश की सेवा करते हुए पंचतत्व में विलीन हो गए और सेना ने उनको पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी मगर रमेश सिंह नेगी के अंतिम संस्कार के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है की आखिर देश के लिए जो जवान मर मिटने को तैयार हो जाते हैं क्या उनके सम्मान के लिए प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता थोड़ा सा समय निकाल कर उनको सम्मान नहीं दे सकते हैं रमेश सिंह नेगी देश की तरफ से शांति सेना मैं अफ्रीका के लेबनान मैं तैनात थे शांति सेना में किसी भी सैनिक को तैनाती तभी मिलती है जब वह सैनिक कुशल क्षमता का धनी हो और यह रमेश सिंह नेगी के कार्य करने की क्षमता थी जो वह शांति सेना में तैनात किए गए थे