सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें क्या न करें, गर्भवती महिलाएं रखे खास ख्याल

ख़बरें अभी तक। आज 02 जुलाई 2019 को रात के समय सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो रात में 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगा। वहीं ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय लोगों को कुछ खास सावधानियां बरतने की जरुरत होती है। जैसे ग्रहण के वक्त कई तरह के काम करने वर्जित होते हैं, खासकर गर्भवती महिलाओं को। ऐसी महिलाओं को अपने बच्चों की सुरक्षा करनी होती है। सूर्य ग्रहण के समय जब सूतक लगता है तो इस दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए…..

ग्रहण के दौरान क्या ना करें………..

ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना या कपड़े सिलना वर्जित है। ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे में शारीरिक दोष होने की आशंका रहती है। गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान कोशिश करे खड़ी रहे, लेटना या हाथ-पैर मोड़ कर न बैठें। सूतक काल में भोजन पकाना, भोजन करना, श्रृंगार करना और सोना सर्वदा वर्जित माना गया है। कुछ काटना, छीलना नहीं चाहिये।

ग्रहण के खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं के स्नान न करने से बच्चे को चर्म रोग होने की आशंका रहती है। ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नवीन कार्य नहीं करना चाहिए, उस कार्य के पूर्ण होने की संभावना कम रहती है। ग्रहण के समय अपने आराध्य देव के नाम का स्मरण करना चाहिए। इस दौरान किसी देवी-देवता की मूर्ति या तस्वीर, तुलसी और शमी के पौधे को न छूएं।

ग्रहण खत्म होने के पश्चात स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए। ग्रहण के समय पहने हुए वस्त्रों को स्नान के बाद दोबारा न पहनें। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान अन्न के जितने दाने खाते हैं, उतने वर्षों तक व्यक्ति को नरक के कष्ट भोगने होते हैं।

ग्रहण के दौरान क्या करें……….

ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए।

सूर्य ग्रहण लगने से कई घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए और सूर्यदेव के मंत्रों का तेज आवाज़ में उच्चारण करना चाहिए। सूर्यदेव का एक महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’। इस मंत्र का जाप करने से आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी।

जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाये तब उस कपड़े और अनाज को आदरसहित, रिक्वेस्ट के साथ किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।

सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता है। सूतक लगते ही आप प्रभु के भजन-कीर्तन आदि करते रहें। गर्भवती महिलाएं अपने लंबाई के बराबर एक कुश लें। यदि कुश न हो तो कोई सीधा डंडा लेकर उसे कोने में खड़ा कर दें। इससे यदि वह ग्रहण में बैठना या लेटना चाहें तो लेट सकेंगी।