क्या सच में मानव की Satellite के बिना अधूरी है जिंदगी

ख़बरें अभी तक। हमारे रोजमरा के जीवन में हम जितने भी काम करते हैं उनमे से बहुत से काम ऐसे है जो किसी न किसी Satellite के जरिए होता है, या फिर ये भी कह सकते है कि हमारे बहुत से काम Satellite पर निर्भर होते है।….. फिर चाहे आप टीवी पर ख़बरें देख रहे हो या अपना कोई पंसदीदा कार्यक्रम देख रहे हो… तो भी आप Satellite पर निर्भर रहते है। यहां तक कि यदि आप अपने मोबाइल में GPS नेविगेशन का इस्तेमाल करते है या फिर अपने दोस्त या घरवालों को विदेश में कॉल करते है तो भी हम किसी न किसी सैटेलाइट पर निर्भर रहते हैं।

अब आपको बतातें है कि Satellite आखिर क्या है?

Satellite को हम हिंदी में उपग्रह कहते हैं और ये अंतरिक्ष के चारों तरफ चक्कर लगाता है। इसी तरह हमारी पृथ्वी के चारों और चक्कर लगाने वाला चंद्रमा भी एक Satellite है….. लेकिन यह एक प्राकृतिक Satellite है जो इंसान के हिसाब से नहीं चलता है। इंसान द्वारा निर्मित सैटेलाइट का साइज इनके काम पर निर्भर करती है और काम के अनुसार Satellite छोटा या बड़ा होता है।

सैटेलाइट के दोनों तरफ सोलर पैनल होते हैं जिनसे इनको ऊर्जा मिलती रहती है वहीं इनके बीच में ट्रांसमीटर और रिसीवर होते हैं जो सिग्नल को रिसीव या भेजने का काम करते हैं इसके अलावा कुछ कण्ट्रोल मोटर भी होती हैं जिनकी मदद से हम Satellite को रिमोटली कण्ट्रोल कर सकते हैं…. इनकी स्थिति को चेंज करना हो या फिर एंगल चेज करना हो सब इन कण्ट्रोल मोटर के जरिये कर सकते हैं. इसके अलावा सैटेलाइट को किस काम के लिए बनाया गया है वह ऑब्जेक्ट आपको सैटेलाइट में देखने को मिल जाते हैं।

उपग्रह को पृथ्वी की इमेज लेने के लिए बनाया गया है इसलिए सैटेलाइट में बड़े कैमरे भी लगे होते हैं। विशेषत: उपग्रह को हम कम्युनिकेशन के लिए काम में लेते हैं क्योंकि रेडियो और ग्राउंड वेब धरती के पूरी कम्युनिकेशन में काम नहीं आ सकते हैं इसलिए ज्यादातर Satellite कम्युनिकेशन के काम में लिए जाते हैं।

अभी तक हमने आपको बताया कि Satellite क्या है, वहीं अब हम आपको बताएंगे कि सैटेलाइट हवा में कैसे टिके रहते हैं? यह धरती पर गिरते क्यों नहीं है?। जैसे यदि किसी चीज को Space में रहना है तो उसे अपनी एक स्पीड से किसी बड़े Satellite का चक्कर लगाते रहना होगा. इनकी स्पीड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force) को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती है। इसलिए सारे उपग्रह हवा में टिके रहते हैं।