ख़बरें अभी तक। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर हरियाणा सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। बता दें कि राम रहीम साध्वियों से दुष्कर्म मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। वह दो साल से इस जेल में बंद है। गुरमीत ने पिछले साल के अंत में भी पैरोल मांगा था। उसने अपनी गोद ली बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल की अर्जी दी थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था।
वहीं राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल प्रशासन में एक बार फिर 42 दिन के पैरोल की अर्जी दी है। विधानसभा चुनाव से पहले गुरमीत की इस अर्जी से हरियाणा सरकार के लिए इसलिए भी चुनौती बन गई है कि जेल प्रशासन ने डेरा प्रमुख के पक्ष में सिफारिश की है। जेल प्रशासन ने जेल में गुरमीत के आचरण को अच्छा बताया है।
गुरमीत ने कृषि संबंधी कार्य के लिए पैरोल मांगी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह बिखरे डेरा सच्चा सौदा में फिर से जान फूंकना चाहता है। ऐसे में कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। एक बार फिर पंचकूला हिंसा जैसी स्थिति पैदा होने के खतरे के कारण सरकार किसी तरह का रिस्क लेने से हिचक रही है। माना जा रहा है कि गुरमीत को पैरोल मिली तो उसके समर्थक व डेरा अनुयायी डेरा सच्चा सौदा की ओर कूच कर सकते हैं और इससे हालात बिगड़ सकते हैं।