बगैर पीएचडी और नेट क्वालीफाई किए पढ़ा रहे गेस्‍ट लेक्‍चरर्स के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा

ख़बरें अभी तक। हरियाणा सरकार ने कॉलेजों में कार्यरत बगैर पीएचडी और नेट क्वालीफाई किए पढ़ा रहे गेस्ट लेक्चरर्स को तोहफा दिया है जिसमें गेस्‍ट लेक्‍चरर्स के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है। उनके मानदेय में पांच हजार रुपये से आठ हजार रुपये तक की वृद्धि की गई है। और कालेजों में कार्यरत कच्‍चे कर्मचारियों से उनको मिले विभिन्‍न भत्‍तों की रिकवरी होगी। पहले जहां इन गेस्ट लेक्चरर्स को वर्ष 2014 से 18 हजार रुपये मासिक दिए जा रहे थे, वहीं अब उन्हें 23 हजार 500 रुपये दिए जाएंगे। बढ़ा हुआ मानदेय 20 जुलाई 2017 से लागू होगा। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी कालेज प्रिंसिपल को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं।

जिन गेस्ट लेक्चरर्स ने पीएचडी या नेट क्वालीफाई कर लिया है, उन्हें 26 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। पीएचडी की डिग्री पूरी होने या नेट परीक्षा पास करने के दिन से उन्हें बढ़े मानदेय का लाभ मिलेगा। प्रदेश में करीब चार हजार गेस्ट लेक्चरर्स हैं। इनमें बड़ी संख्या में गेस्ट लेक्चरर्स ऐसे हैं जिनके पास न तो पीएचडी की डिग्री है और न इन्होंने नेट परीक्षा पास की हुई है। इससे पहले विगत फरवरी में ही यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और सरकारी कॉलेजों की गेस्ट फैकल्टी में काम करने वाले लेक्चरर्स का मानदेय बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति लेक्चरर किया था। जिससे हर महीने अधिकतम 50 हजार का मानदेय इन लेक्चरर्स को मिल सकता है।

वहीं दूसरी तरफ सरकारी कॉलेजों में अनुबंध आधार पर लगे कर्मचा‍रियों पर सरकार का सितम टूटा है। उनको मिले महंगाई भत्ते (डीए) सहित दूसरे भत्तों की रिकवरी की जाएगी। आउटसोर्सिंग पॉलिसी-टू के तहत लगे इन कर्मचारियों को नियमों को ताक पर रखकर भत्ते दिए गए, जबकि ये केवल न्यूनतम वेतन के हकदार हैं। मामला मुख्य सचिव तक पहुंचने के बाद वित्त विभाग को जांच सौंपी गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है।

कॉलेजों में अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों को वर्षों से डीए सहित दूसरे भत्ते दिए जाते रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने को मोटी चपत लगी है। मुख्य सचिव कार्यालय ने उच्च शिक्षा निदेशक को आगाह किया है कि कच्चे कर्मचारियों को सभी तरह के भत्तों का भुगतान तत्काल रोका जाए। साथ ही पूर्व में आउटसोर्सिंग स्टाफ को दिए गए भत्तों की पूरी राशि की रिकवरी की जाए।

मुख्य सचिव कार्यालय की हिदायत के बाद उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के भौतिक सत्यापन में सही पाए गए जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों को स्कूलों में जल्द ही च्वाइनिंग मिलेगी। हाई कोर्ट के आदेश पर आयोग ने फॉरेंसिक लैब मधुबन द्वारा अयोग्य ठहराए गए जेबीटी का दोबारा से सत्यापन कराया है। आयोग बुधवार शाम तक सत्यापन संबंधी फाइल शिक्षा निदेशालय पहुंचा सकता है।

भौतिक सत्यापन गत मार्च में ही पूरा हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकार ज्वाइनिंग संबंधी निर्णय नहीं ले पाई थी। वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव ने जेबीटी शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से कराई। पीके दास ने कहा कि 141 जेबीटी का सत्यापन हुआ है। अब फाइल आने के बाद ही पता चलेगा कि कितनों के अंगूठों के निशान सही पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतीक्षा सूची में शामिल जेबीटी को भी ज्वाइनिंग दी जाएगी। जितने खाली पद होंगे, उतने ही चयनित शिक्षकों की नियुक्ति होगी।