उत्तर प्रदेश: गरीब किसानों को अधिकारियों ने थमाया लाखों का नोटिस, पीड़ित किसानों ने दी आत्महत्या की चेतावनी

ख़बरें अभी तक। उत्तर प्रदेश के सीतापुर के किसानों को अधिकारियों की लापरवाही के चलते 8 लाख 60 हजार का कर्जदार बना दिया गया है। एक ही गांव के तीन किसानों को अधिकारियों द्वारा नोटिस थमाया गया है। हैरानी की बात ये है कि जिन किसानों को नोटिस दिया गया उनको मालूम नहीं ही नहीं है कि उनकी भूमि कहां है और ना ही आज तक उसकी नपाई हुई है। ऐसे में पीड़ित किसान अइधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है।

आपको बताते चलें ताजा मामला यूपी के सीतापुर तहसील लहरपुर के सुंदर पुरवा मजरा आचार्य पुरवा का है। जहां पर 11 ऐसे किसान हैं जिन्हें मायावती की सरकार में दो-दो बीघे भूमि के पट्टे दिए गए थे। उस भूमि के पट्टे तो जरूर दिए गए। लेकिन आज तक उनका कब्जा नहीं दिलाया गया ना ही अधिकारियों द्वारा उनकी नपाई कराई गई और न ही खेत की मेड बंदी की गई। गांव से 3 किलोमीटर दूर नदी के उस पार खेत के पट्टे दिए गए। जहां पर तीन लोगों को आठ लाख 60 हजार रुपये का नोटिस एसडीएम लहरपुर द्वारा भेज दिया गया।

जबकि पीड़ित किसान के घर एक दाना खाने के लिए अनाज नहीं है। पीड़ित किसान भुखमरी की कगार पर हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी ने आठ लाख 60 हजार का नोटिस थमाया। पीड़ित किसानों ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार न्याय न मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।

इस पूरे मामले में अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक से बात करनी चाही तो महोदय ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं प्रशासन अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों का शोषण किया जा रहा है।  खनन माफियाओं की मिलीभगत से गरीबों की जमीन पर खनन करके अपना ठीकरा गरीब किसानों के सर पर फोड़ दिया गया। अब देखना यह है कि ऐसे में क्या गरीब किसानों को न्याय मिलेगा या फिर गरीब किसान यू ही दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होंगे।