प्रशांत कनौजिया के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, यूपी सरकार को दिए प्रशांत को रिहा करने के आदेश

खबरें अभी तक। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने आपत्तिजनक ट्विट किया था जिसके बाद यूपी पुलिस ने शनिवार को प्रशांत कनौजिया को मानहानी की धार आईपीसी 500 और आईटी एक्ट की धारा 60 के तहत गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद इस मामले ने जोर पकड़ लिया और विपक्ष भी इस मामले में कूद पड़ा और आज मामला गया अदालत में. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले मेें सुनवाई करते हुए फैसला पत्रकार प्रशांत कनौजिया के पास पक्ष में दिया. यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए की वो पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा कर दें.

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इस पुरे मामले में सुप्रीम कोर्ट और यूपी सरकार के बीच काफी देर तक बहस छिड़ी. सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ट्विट बहुत अपमांजनक था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस तरह की टिप्पणियां पब्लिश नहीं होनी चाहिए लेकिन गिरफ्तारी क्यूं की गई ? किन-किन धाराओं के तहत की गई? हालांकि यूपी सरकार इस मामले में लगातार अपना पक्ष रखते रही लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब नहीं दे पाई. इस मामले में जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया के पक्ष में फैसला सुनाया और यूपी पुलिस को आदेश दिए की प्रशांत को रिहा कर दिया जाए.