सरकार का नया सिस्टम टैक्स चोरों पर कसेगा नकेल

ख़बरें अभी तक। टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए सरकार इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है। इससे हर ट्रांजेक्शन जीएसटी नेटवर्क पर खुद रजिस्टर हो जाएगा और टैक्स चोरी मुमकिन नहीं होगी। जीएसटी परिषद ने इनवॉयस से जुड़े मुद्दों को जांचने के लिए दो उप समूह भी गठित किया है। ई-इनवॉयस के जरिये सरकार रियल-टाइम पर ट्रांजैक्शन को पंजीकृत करने की तैयारी में है। इससे कंपनियों को अपना टैक्स क्रेडिट हासिल करना भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा उप समूह ई-इनवॉयस बनने के बाद इसकी नीतियों और कानूनी मसलों पर ध्यान देगा, जिसमें कारोबार से कारोबार (बीटूबी) को कई आपूर्ति पर कड़ी नजर रहेगी।

अगर इसमें फर्जी इनवॉयस का इस्तेमाल किया गया है तो समूह तत्काल कदम उठाने में सक्षम होगा। साथ ही यह बैंकिंग और टेलीकॉम क्षेत्र के मुद्दों को निपटाने के लिए अलग से व्यवस्था बनाने पर विचार करेगा।

उप समूह इनवॉयस के प्रकार और एप या मोबाइल एसएमएस में आने वाली दिक्कतों को भी दूर करने का प्रयास करेगा। केंद्र और राज्य के कर अधिकारियों और जीएसटीएन के सीईओ की 13 सदस्यीय समिति अनुपालन के बोझ को घटाने पर काम कर रही है।

एमएसएमई के लिए नया सॉफ्टवेयर

जीएसटीएन ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए मुफ्त गणना और बिलिंग का नया सॉफ्टवेयर पेश किया है। 1.5 करोड़ तक टर्नओवर वाले करीब 80 लाख छोटे कारोबारियों को इसका लाभ मिलेगा। यह इनवॉयस तैयार करने, जीएसटी रिटर्न बनाने और स्टेटमेंट की गणना करने में मददगार होगा। सॉफ्टवेयर को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीसटी.जीओवी.इन से डाउनलोड कर सकते हैं