हरियाणा के किसानों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, मांगे नहीं मानी तो रोकेंगे ट्रेनें

ख़बरें अभी तक। हरियाणा के किसानों ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगें नहीं मानी गई तो हरियाणा के किसान ट्रेनों की रोकने का काम करेंगे। बता दें की किसान राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण  का उचित मुआवजे की मांग कर रहे है। जिसके लिए किसान जींद- रोहतक मार्ग पर गांव किलाजफरगढ़ के पास किसान 10 अप्रैल से धरने पर बैठे हुए है।

रविवार को धरनास्थल पर किसानों ने महापंचायत की जिसमें किसानों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है। महापंचायत में लगभग 3782 गांवों के प्रतिनिधि पहुंचे थे। इस महापंचायत का आयोजन दलाल बारहा खाप के प्रधान होशियार सिंह दलाल की अध्यक्षता में हुआ।

महापंचायत ने सर्वसम्ममित से फैसला लेकर सरकार के सामने चार मुख्य मांगे रखी है।

1.जिसमें किसानों ने कहा कि जुलाना और दादरी में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण के लिए अधिकृत की गई जमीन पर प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए।

2.हरियाणा को एसवाईएल नहर से उसके अधिकार का पानी दिया जाए।

3.हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर 3जी फार्मूला लागू किया जाए। जिसके तहत अपने गोत्र, गांव में विवाह पर प्रतिबंध लगाया जाए।

4.पाकिस्तान को जाने वाला पानी बांध बना कर रोका जाए, जिससे हरियाणा को पानी बिजली व सिंचाई के पानी मिलेगा।

महापंचायत ने फैसला लेकर सरकार को सभी मांगों को मानने के लिए 11 जून तक का समय दिया है। अगर 11 जून तक मांगों को नहीं माना गया तो जुलाना से गुजरने वाली रोहतक-लुधियाना रेल लाइन को बंद कर दिया जाएगा। साथ ही किसनों ने कहा कि अगर पंजाब ने एसवाईएल नहर से हरियाणा के हक का पानी नहीं दिया तो पंजाब को जाने वाली सभी रेल लाइनों को बंद कर दिया जाएगा।