सभी स्टरों ने भरा था पूरा जोर लेकिन जीत सिर्फ इन स्टारों के हाथ लगी

खबरें अभी तक। देश में इस बार बीजेपी की जीत से जहां समर्थकों में हर जगह उत्साह का माहौल बना हुआ है तो वहीं विपक्ष भी NDA की इस जीत को देख आश्चर्यचकित हो गया है. बीजेपी ने इस बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बीजेपी ने इस बार अकेले ही 300 का आंकड़ा पार कर दिया है. वहीं NDA को 350 के पार सीटें मिली है. बीजेपी में इस बार कई सुपर स्टारों ने भी अपना पहला चुनाव लड़ा.  चलिए बात करते हैं उन्हीं में से कुछ जाने-माने स्टारों की.

सनी देओल- अपना पहला चुनाव लड़ रहे सनी देओल ने पहली ही बार में जीत का चौका लगा दिया. सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे. गौरतलब हो की सनी देओल हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे. सनी देओल के सामने इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार व वर्तमान सांसद सुनील जाखड़ मैदान में थे. सुनील जाखड़ जिन्होंने पिछली बार मोदी लहर में भी अपनी जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार मोदी के तूफान से नहीं बच पाए. सुनील जाखड़ को सनी देओल ने इस सीट से 82459 वोटों से मात दे दी है.

हेमा मालिनी- चलिए बात करते हैं ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की. हेमा मालिनी बीजेपी के टिकट पर मथुरा से चुनाव लड़ी थी इस सीट से हेमा मालिनी ने 2014 में मोदी लहर में भी जीत दर्ज की थी. तो इस बार मोदी तूफान में इस सीट को किसने हिलाना था. इस सीट से हेमा मालिनी के सामने कांग्रेस के महेश पाठक खड़े थे.

रवि किशन- रवि किशन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और इस सीट से रवि किशन ने भारी मतों से जीत हासिल की. रवि किशन के सामने इस सीट से सपा के रामभुआल निषाद खड़े थे और इन्हें रवि किशन ने 3 लाख से अधिक वोटों से मात दी है.

शत्रुघन सिन्हा- पटना साहिब से 2014 में जीत दर्ज कर चुके शत्रुघन सिन्हा ने इस बार अपनी पार्टी चेंज कर ली और वो कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में शामिल होने के बाद शत्रुघन सिन्हा को पटना साहिब से ही टिकट दिया गया. शत्रुघन सिन्हा के सामने इस सीट से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के रुप में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद को टिकट दिया. इस सीट से शत्रुघन सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा. रवि शंकर प्रसाद ने इस सीट से शत्रुघन सिन्हा को 2 लाख 84 हजार वोटों से मात दी. शत्रुघन सिन्हा की इस हार से ये साफ जाहिर होता है कि बिना बीजेपी और बिना मोदी के शत्रुघन सिन्हा का जीत पाना मुश्किल है.