उत्तराखंड में फिर लहराया भगवा झंडा, 2 लाख से अधिक वोटों से जीता हर उम्मीदवार

खबरें अभी तक। कल मतगणना पूरी होने के बाद पूरा देश एवं विपक्ष आश्चर्यचकित हो गया है ये इसलिए नहीं की मोदी सरकार एक बार फिर आई है ये इसलिए है क्योंकि बीजेपी ने इस बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. चलिए ये सब छोड़ हम बात करते हैं उत्तराखंड  की.  उत्तराखंड में बीजेपी ने फिर एक बार अपने पहले के आंकड़ो को दोहरा दिया है. पिछली बार की तरह ही बीजेपी ने इस बार भी उत्तराखंड की सभी सीटों पर अपना परचम लहराया है. मतगणना से पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार बीजेपी शायद पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में असमर्थ रहे लेकिन जो परिणाम सामने आया है उसने पूरे विश्नव को आश्चर्यचकित कर दिया है.

बात करते हैं उत्तराखंड की नैनीताल सीट की. इस बार उत्तराखंड की नैनीताल सीट से बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट को मैदान में उतारा था और इनका सामना करने के लिए उत्तराखंड के पूर्व सीएम व कांग्रेस उम्मीदवार हरीश रावत मैदान में थे. वैसे तो हरीश रावत का उत्तराखंड में हर जगह सिक्का चलता था लेकिन इस बार हरीश रावत के सिक्के ने ऐसी पल्टी खाई की वो पूरी तरह से बंद हो गया. अजय भट्ट ने हरीश रावत को लगभग 3 लाख से अधिक वोटों से मात दी है.

चलिए बात करते हैं हरिद्वार लोकसभा सीट की. वैसे तो पिछली बार भी उत्तराखंड में हर सीट पर बीजेपी का कब्जा था लेकिन इस बार वो कब्जा मुहर में बदल गया है. इस बार फिर एक बार उत्तराखंड की हर सीट पर बीजेपी की मुहर लग गई है. हरिद्वार सीट से इस बार बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक थे तो इनके विपक्ष में कांग्रेस के अंबरीष कुमार थे. इस सीट से निशंक ने 2.5 लाख वोटों से जीत हासिल की.

बात करते हैं अल्मोड़ा लोकसभी सीट की. अल्मोड़ा लोकसभा सीट से भी बीजेपी उम्मीदवार अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को दो लाख से अधिक वोटों से हराया. तो वहीं बात करें पौड़ी सीट की तो इस सीट सी बीजेपी ने तीर्थ सिंह रावत को मैदान में उतारा था तो वहीं कांग्रेस की ओर से बी.सी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी मैदान में थे. इस सीट से बीजेपी के तीर्थ सिंह रावत ने 3 लाख से अधिक वोटों से जीत हांसिल की.

अब बात करते हैं टिहरी सीट की. इस सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद राज्यलक्ष्मी शाह को फिर एक बार मैदान में खड़ा किया और उन्होंने भी जीत की हैट्रिक लगाते हुए अपने प्रतिद्वंदी को 3 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी. अब इस जीत को सांसदों की जीत कहे या पीएम मोदी की जीत. जहां पूरे देश में हर रैली के दौरान पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि उनका हर एक वोट मोदी को जाएगा लगता है लोगों ने सांसद को देख नहीं पीएम मोदी को वोट किया है. एक बार फिर से बीजेपी ने सत्ता हांसिल कर अपनी ताकत दिखाई है.