धरती से सबसे दूर अल्टिमा थ्यूल पर मिले पानी की मौजूदगी के सबूत

ख़बरें अभी तक। अमेरिकी वैज्ञानिकों को धरती से करीब 4 अरब मील दूर अल्टिमा थ्यूल नामक ट्रांस-नेच्युनियन ऑब्जेक्ट पर जल के साक्ष्य मिले हैं। यह जल बर्फ, मेथनॉल तथा आर्गेनिक मॉलिक्यूल का मिश्रण है। यह ऑब्जेक्ट कुइपर बेल्ट में स्थित है। यह कुइपर बेल्ट के शोध में एक नया मील का पत्थर सिद्ध होगा। अल्टिमा थ्यूल इंसान की तरफ से खोजी गई आज तक की सबसे दूर की सतह है।

शोधकर्ता अल्टिमा थ्यूल की सतह की विशेषताओं का भी अध्ययन कर रहे हैं। उन्हें यहां पर ज्वालामुखी के विस्फोट से बनने वाले गड्ढे (क्रेटर) जैसा ही एक निशान मिला है, जो करीब 8 किलोमीटर चौड़ा है। इसे मैरीलैंड क्रेटर का नाम दिया गया और माना जा रहा है कि यह इसकी सतह पर किसी बड़े पिंड के टकराने से बना है।

  • अल्टिमा थ्यूल में लाल रंग के दो बड़े हिस्से एक पतले से भाग से जुड़े हुए हैं।
  • अल्टिमा थ्यूल पृथ्वी से 4 अरब मील (6.4 अरब किलोमीटर) दूर है।
  • अल्टिमा थ्यूल एक प्रोपेलर की भांती घूम रहा है।

न्यू होराइजन मिशन एक अंतर्ग्रहीय मिशन है, यह नासा के न्यू फ्रंटियर्स कार्यक्रम का हिस्सा है। इस कार्यक्रम को वर्ष 2006 में लांच किया गया था। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य 2015 में प्लूटो सिस्टम के अध्ययन के लिए इसके निकट उड़ान (फ्लाईबाय) भरना था। इस कार्यक्रम का द्वितीय मिशन कुइपर बेल्ट के एक या एक से अधिक बोजेक्ट के निकट उड़ान भरना था। न्यू होराइजन मिशन का उद्देश्य हमारे सौर मंडल के दूरस्थ किनारे के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। कुइपर बेल्ट काफी हद तक रहस्यमय क्षेत्र है, इसके बारे में अधिक जानकारी मौजूद नहीं है।