VVPAT की 100% पर्चियों के मिलान पर विपक्षी दलों की याचिका ख़ारिज

ख़बरें अभी तक। 21 विपक्षी दलों ने सर्वोच्च न्यायालय में VVPAT की 100% पर्चियों के मिलान के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है। बता दें कि इन 21 दलों का नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू ने किया था। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग को EVM परिणामों से VVPAT पर्ची के मिलान की संख्या को बढ़ाने के लिए कहा था।

पहले प्रत्येक विधानसभा सेगमेंट में एक पोलिंग बूथ में EVM के परिणामों का मिलान VVPAT से किया जाता था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने एक की बजाय पांच पोलिंग बूथ की VVPAT की पर्चियों का मिलान करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि इससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता तथा सत्यनिष्ठा में वृद्धि होगी।

बता दें कि इस बार लोकसभा में पहली बार VVPAT मशीन का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि कुछ संसदीय चुनावों तथा विधानसभा चुनावों में VVPAT का उपयोग किया जा चुका है। VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail) एक डिवाइस है, मतदाता ने जिस व्यक्ति को वोट दिया है।

उसकी पार्टी का चुनाव चिन्ह एक पर्ची पर मतदाता को दिखाई देता है। यह स्लिप VVPAT मशीन के अन्दर 7 सेकंड के लिए दिखाई देती है, उसके बाद यह पर्ची मशीन के अन्दर मौजूद डिब्बे में गिर जाती है। मतदाता इस पर्ची को अपने साथ नहीं ले जा सकता है। VVPAT में उम्मीदवार (जिसे आपने वोट दिया है) की क्रम संख्या, नाम तथा चुनाव चिन्ह दिखाई देता है।