भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन ने की सात बड़े मिशनों की घोषणा

ख़बरें अभी तक। हाल ही में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (ISRO) ने अगले 10 वर्षों के सात बड़े मिशनों की घोषणा की है। इस मिशन में चंद्रयान-2 भी शामिल है। अपनी घोषणाओं को लेकर इसरो ने अगले 30 वर्षों का रोडमैप भी तैयार किया है। इन सात मिशनों में चंद्रयान-2 मई, 2019 तक तैयार हो जायेगा और इसे जुलाई, 2019 में लांच किया जाएगा।

इसरो (ISRO) द्वारा ब्रह्माण्ड के विकिरण के अध्ययन के लिए XPoSat मिशन 2020 में भेजा जायेगा। इसरो 2021 में सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 मिशन भेजेगा और 2022 में इसरो मिशन मंगलयान-2 भेजेगा। 2023 में शुक्र गृह के लिए मिशन भेजा जायेगा। उसके बाद चंद्रयान-3 मिशन 2024 में भेजा जायेगा। और वहीं सोलर मंडल के बाहर ग्रहों की खोज के लिए इसरो 2028 में मिशन भेजेगा।

आदित्य-L1 मिशन के द्वारा सूर्य की कोरोना का अध्ययन किया जायेगा। सूर्य की कोरोना का उपरी वायुमंडल पर काफी असर पड़ता है जिस कारण पृथ्वी में जलवायु परिवर्तन प्रभावित होता है। इस मिशन के द्वारा पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा।

इस मिशन के लिए स्पेसक्राफ्ट को “लिबरेशन ऑर्बिट” में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का 1% हिस्सा है, यह पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इस स्थान पर पृथ्वी तथा सूर्य का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव समान होता है।

X-ray Polarimeter Satellite (Xposat) के द्वारा ध्रुवीकरण का अध्ययन किया जाएगा, इस पांच वर्षीय मिशन के द्वारा ब्रह्माण्ड में विकिरण का अध्ययन किया जाएगा। इस मिशन में रमण रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा निर्मित POLIX (Polarimeter Instrument in X-rays) को ले जाया जायेगा। यह स्पेसक्राफ्ट 500-700 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा।