पेट में दर्द, जलन और एसिडिटी को खत्म करने के लिए आजमाएं ये टिप्स…..

खबरें अभी तक। आज हर काम बैठे हुए करते रहने के कारण सबसे ज्यादा तकलीफ हमारे पेट को सहनी पड़ती है. दिनचर्या में से दौड़-भाग का शब्द सिर्फ एक मानसिकता बन कर रह गया है, वास्तविकता में तो चलना भी एक मेज़ से दूसरी मेज तक सिमट कर रह गया है. ग्लोब्लाइजेशन के कारण भारत की रात, अमेरिका के दिन में बदल गयी और शिफ्ट ड्यूटी वाले लोग रात और दिन के इस फेर में खाने और सोने का सही समय ही तय नहीं कर पाते कि कौनसे देश की घड़ी को सही मानें? परिणाम फिर बेचारे पेट को सहना पड़ता है. कहते हैं, पेट ही सब परेशानियों की जड़ है और यही से सब बीमारियाँ शुरू होती हैं. पेट में दर्द, जलन और एसिडिटी वो परेशानियाँ हैं जो सामान्य होते हुए भी ध्यान न देने पर असामान्य रूप धारण कर लेती हैं.

पेट ठंडा क्यों नहीं होता?

क्योंकि हमें पेट में गर्मी और जलन बहुत ही सामान्य परेशानी लगती हैं लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो भयंकर रूप लेने में भी इन्हें देर नहीं लगती. दरअसल पेट में जलन का कारण, पेट में बनने वाले एसिड का जरूरत से ज्यादा बनना है. पेट में एक एसिड बनता है जो हमारे खाने को पचाने में सहायता करता है. लेकिन जब यही एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो पेट में गैस, दर्द और जलन की परेशानी खड़ी हो जाती है. मूल रूप से तो ख़ाना सही तरीके से नहीं पचने से ही एसिडिटी की समस्या होती है. इसके अलावा भी एसिडिटी होने के कई कारण हैं जैसे:

बहुत तेज़ मिर्च और मसालों वाला भोजन नियमित रूप से करना.

सिर्फ मांसाहारी आहार ही लेना.

शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन करना.

कुछ पेन किलर, दवाइयाँ अपनी मर्जी से लेना

खाने का सही समय निर्धारित न होना

चाय-काफी का अधिक सेवन करना

गतिहीन और अनियमित जीवनशैली का पालन करना

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पेट की गर्मी की ऐसे करें पहचान?

हमारे पेट में गर्मी हो रही है, इस बात पता ऐसे लगाएं-

छाती या सीने में हर समय जलन होना

सांस लेने में तकलीफ होना

मुंह में खट्टा पानी और खट्टी डकारें आना

घबराहट और उल्टी जैसा महसूस होना

पेट में हर समय जलन और दर्द होना

गले में जलन होना

पेट का फूल जाना (पेट में अफ़ारा होना)

कब्ज होना

सिर दर्द होना

पेट में गैस का बनना

पेट को ठंडा रखने के लिए क्या खाएं?

पेट को ठंडा रखने के लिए हमें सबसे पहले अपने खान-पान के तरीकों में बदलाव लाना होगा. पेट को ठंडा रखने के लिए करें ये उपाय-

1. केला खाएं

पेट की गर्मी को शांत करके उसे ठंडा रखने में केला बहुत मदद करता है. केले के पोटेशियम की मात्रा पेट में बनने वाले एसिड को नियंत्रित करती है और केले का पी एच तत्व  एसिड को कम करता है. साथ ही केला, पेट में एक चिकनी पर्त बना देता है जिससे एसिडिटी में कमी आती है. केले का फाइबर पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है.

 

2. तुलसी के पत्तों का सेवन

तुलसी के पत्तों का सेवन करने से पेट में पानी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेट के अतिरिक्त ऐसिड में कमी आती है. इसे खाने से मिर्च-मसाले वाला खाना भी सरलता से पच जाता है. रोज खाने के बाद पाँच-छह तुलसी के पत्ते खाने से एसिडिटी नहीं होती है.

 

3. ठंडा दूध पियें

दूध का कैल्शियम, पेट के एसिड को एब्जॉर्ब करके उसे बहुत आसानी से ख़त्म कर देता है. रोज सुबह एक कप ठंडा दूध पेट को ठंडा रखने का रामबाण इलाज है.

4. सौंफ खाएं

खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन इसलिए अच्छा माना जाता है क्योंकि सौंफ की तासीर ठंडी होती है जो पेट की जलन और गरमी को शांत करती है. इसलिए अगर एसिडिटी की शिकायत ज्यादा हो तो सौंफ को पानी में उबालकर उसका सेवन करें.

5. इलायची खाएं

इलायची का स्वाद मीठा और तासीर ठंडी होती है, इस कारण यह पेट के अतिरिक्त एसिड को कम करके उसे ठंडा रखने में सहायक है.

6.  ज़ीरा खाएं

आयुर्वेद में ज़ीरे को पेट के लिए सर्वोत्तम माना गया है. इसकी सहायता से पेट में लार बनती है जिससे खाना पचने में मदद मिलती है और एसिड न बनने के कारण पेट भी ठंडा रहता है.

7. पुदीने के पत्ते खाएं

पुदीने के पत्ते मुखवास के साथ ही पेट के एसिड को कम करके पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं. इसलिए पुदीने के पत्ते ऐसे ही खा लें या फिर पानी में उबाल कर लें.

8. अदरक खाएं

अदरक, पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथ शरीर को प्रोटीन भी देता है.  इसके नियमित सेवन से अल्सर की गांठ नहीं होती और एसिड भी नहीं बनता है. पेट को ठंडा रखने के लिए अदरक उत्तम खाद्य पदार्थ है.

9. लौंग का सेवन

लौंग के जूस से स्लाइवा बनता है जिससे खाना पचने में आसानी होती है और एसिडिटी भी नहीं होती है. खाना ठीक से पचने से पेट में आराम रहता है.

10. आंवला का करें सेवन

विटामिन सी का उत्तम सोर्स होने के कारण आंवला पेट की परेशानियों में भी लाभकारी है. नियमित रूप से आंवला लेने से पेट में गर्मी नहीं होती है और पेट ठंडा रहता है.