हरियाणा के दूध की ताकत का डंका अब विदेशों में भी बजेगा, इंग्लैंड “वीटा मिल्क” प्लांट से खरीदेगा दूध

ख़बरें अभी तक। हरियाणा के दूध की ताकत और स्वाद का डंका अब विदेशों में भी बजने लगा है। इसीलिए इंग्लैंड जैसा देश अब हरियाणा की “वीटा” मिल्क प्लांट से रोजाना 15 हज़ार लीटर पश्चराइज्ड दूध की सप्लाई लेने को तैयार हो गया है। इंग्लैंड की एक दवा कंपनी ने “वीटा” दूध की गुणवत्ता को देखते ओर परखते हुए इस बारे अनुबन्द किया है। वीटा मिल्क प्लांट के अधिकारियों का कहना है कि इस करार से जहां दुग्ध कम्पनी को लाभ होगा वहीं गंव में बनी सहकारी दुग्ध सप्लाई केंद्रों सहित दूध देने वाले किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।

हरियाणा के दूध की ताकत का इंग्‍लैंड भी मुरीद हो गया है वहीं यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो आने वाले समय मे वीटा दूध की मुस्लिम देशों तक ऐसे सप्‍लाई शुरू हो जाएगी। इस दूध की गुणवत्‍ता का डंका अब विदेशों में भी बजने लगा है। इस कड़ी में अब इंग्लैंड की एक प्रसिद्ध दवा कंपनी ने रोजाना 15 हजार लीटर पाश्चराइज्ड दूध खरीदने का हरियाणा की वीटा दुग्ध प्लांट से अनुबंध किया है।

अंबाला स्थित वीटा दुग्ध प्लांट के सीईओ वाई पी सिंह का कहना है कि हरियाणा में यह कहावत मशहूर है कि ” देशां मां देश हरियाणा, जित दूध दही का खाणा । यू भी जब बात जब खेल कूद की हो तो भी हरियाणा का नाम ही सबसे पहले लिया जाता है। मगर इस उपलब्धि के लिए यहां का दूध भी गुणवत्ता की दृष्टि से ताकतवर और शुद्ध माना जाता है।

उनका मानना है कि यही वजह है कि अब हरियाणा में उत्‍पादित दूध की गुणवत्‍ता का डंका अब विदेशों में भी बजने लगा है। इस कड़ी में अब रोहतक “वीटा मिल्क प्लांट” से इंग्लैंड की एक प्रसिद्ध दवा कंपनी ने रोजाना 15 हजार लीटर पाश्चराइज्ड दूध खरीदने का अनुबंध किया है। दूध कंपनी इसका इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाओं में करेगी। इन दवाओं की बिक्री इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे मुस्लिम देशों में हो रही है । उनका कहना है कि जब दवा निर्माता कंपनी से करार हुआ तो दूध की आपूर्ति के लिए संपर्क किया गया जिससे ग्रामीण इलाके में बनी सहकारी दुग्ध समिति के सदस्य किसानों के लिए भी खुशी की बात है कि इस दूध की क्वालिटी मार्क ओर 4.5 फेट की जांच के बाद एक्सपोर्ट लाइसेंस के बाद दूध की आपूर्ति प्रारंभ हो सकी।

वीटा मिल्क प्लांट के निदेशक परमजीत सिंह बडोला ने बताया कि कंपनी ने हमारे पाश्चराइज्ड दूध की गुणवत्ता का अध्ययन किया। जब हमारा दूध मानक पर खरा उतरा तो उसने हमसे अनुबंध किया। उन्होंने बताया कि प्लांट से जुड़े जिलों रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर, भिवानी रोहतक के साथ साथ इसकी डिमांड बढ़ने पर अम्बाला के वीटा मिल्क प्लांट में भी दूध एकत्र किया जाता है। यहां से 200-200 लीटर के ड्रम कंटेनरों द्वारा प्लांट में मंगवाए जाते हैं जिनकी गुणवत्ता की जांच और अन्य मानकों में खरा उतरने के बाद दवा कंपनी अपनी निर्माण इकाई में दूध भेजती है।

बडोला का कहना है कि इससे जहां हमारी सैकड़ों सहकारी दुग्ध कंपनियों से जुड़े दूध किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा वहीं वीटा मिल्क प्लांट सहित हरियाणा सरकार को भी आर्थिक लाभ मिलेगा, जिससे हमारे दुग्ध प्लांट तरक्की करेगे ओर दुग्ध किसान खुशहाल होंगे।