प्रयागराज की दोनों लोकसभा सीटों पर छठें चरण में 12 मई को होंगे मतदान

ख़बरें अभी तक। प्रयागराज की दोनों लोकसभा सीटों पर छठें चरण में 12 मई को मतदान होना है। इस चुनाव में कई धुरंधर नेता अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में है। तो कई बागी होने को भी तैयार है। हांलाकि अभी इन सीटों पर किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अब देखना है जिले में विश्व स्तरीय कुंभ कराने वाले मोदी-योगी के उम्मीदवारों को जनता आशीर्वाद देती है या फिर कार्यकर्ताओ की उपेक्षा उपचुनाव जैसा परिणाम देकर सत्ता की राह आसान बनाती हैं।

इस सीट पर अभी भाजपा ने कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का प्रत्याशी बनाया है गठबंधन ने राजेंद्र सिंह पटेल कांग्रेस से योगेश शुक्ल, आप पार्टी ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी मां को मैदान में उतारा है, हलांकि इस सीट पर भाजपा और गठबंधन की सीधे टक्कर के आसार नजर आ रहे है

इलाहाबाद लोकसभा सीट से देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, बसपा संस्थापक कांशी राम, मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन, पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा और सपा नेता रेवती रमण भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन इस सीट पर 2014 में श्यामाचरण गुप्ता ने लंबे समय बाद भाजपा को जीत दिलाई। डॉ. मुरली मनोहर जोशी को हराकर लगातार दो बार इलाहाबाद संसदीय सीट पर सपा के रेवती रमण सिंह जीते थे।

2014 में सपा ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया और मैदान में उतारा लेकिन भाजपा की लहर में कुंवर रेवती रमण सिंह को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के टिकट पर श्यामाचरण गुप्ता मैदान में उतरे और 313772 वोट पाकर सांसद चुने गए। जबकि सपा के रेवती रमण सिंह को 251763 वोट ही मिले। वहीं इसी सीट पर बसपा से केशरी देवी पटेल 162073 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही। उस वक्त कांग्रेसी उम्मीदवार रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी को चौथे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। लेकिन अब राजनीतिक परिस्थियां बदली है।

उस समय के सभी विरोधी उम्मीदवार दिग्गज नेता अब भारतीय जनता पार्टी में है। भाजपा सांसद श्यामाचरण भी पार्टी छोड़ बांदा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इलाहाबाद संसदीय सीट के मुद्दों की अगर बात करें तो औद्योगिक क्षेत्र नैनी बंदी के कगार पर है जो कि चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा। यमुनापार इलाके में पेयजल संकट और सिंचाई का संकट भी सालों से बना हुआ है। औद्योगिक इकाइयों के बंद होने से रोगजगार भी बड़ा मुद्दा होगा। यमुनापार को अलग जिला घोषित करने की भी मांग को राजनीति पार्टियां चुनावी मुद्दा बना सकती हैं।

आइये अब एक नजर डालते हैं इलाहाबाद संसदीय सीट के मतदाताओं की संख्या पर

चुनाव वर्ष               2014                            2019

कुल मतदाता         1666569                     1693447

पुरुष मतदाता        917403                        927964

महिला मतदाता      749001                        765288

अन्य                       165                             195

इलाहाबाद संसदीय सीट में बढ़े कुल मतदाता 26878

वहीं जातीय समीकरण की अगर बात करें तो इलाहाबाद संसदीय सीट पर सवा लाख यादव, दो लाख मुस्लिम, दो लाख दस हजार कुर्मी, दो लाख 35 हजार ब्राह्मण, पचास हजार ठाकुर-भूमिहार, ढ़ाई लाख दलित, एक लाख कोल, डेढ़ लाख वैश्य, 80 हजार मौर्या और कुशवाहा, चालीस हजार पाल, एक लाख 25 हजार निषाद बिंद, एक लाख विश्वकर्मा और प्रजापति व अन्य वोटर हैं।

पांच विधान सभा सीट है….

मेजा,करछना,बारा,कोराव,शहर दक्षिणी

जिसमे चार सीटों पर भाजपा कब्ज़ा है, करछना विधान सभा पर सपा का कब्ज़ा है

विकास-कुम्भ की वजह से इस संसदीय क्षेत्र में काफी काम हुए है, चौराहो चौड़ीकरण,फ्लाई ओवर का निर्माण आदि काम हुए है। स्थानीय मुद्दे- पेय जल व् सिंचाई साधन का आभाव, गरीबी ,अशिक्षा, बेरोजगारी मुद्दा रहे है।

इलाहाबाद संसदीय सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्यियत दी है, देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ,वीपी सिंह ,मुरली मनोहर जोशी ,जनेश्वर मिश्रा ,जैसे दिग्गज यहां से चुनाव जीते है ,हेमती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को हराकर अभिताभ बच्चन भी यहां से सांसद रह चुके है, पहले सांसद श्री प्रकाश थे जो स्वतंत्रा सेनानी थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री 1957 में यहां से सांसद चुने गये ,1973 में भारतीय कांति दल के जनेश्वर मिश्रा को जनता ने चुना, 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने।

1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते, 1998 में मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव जीता 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमन सिंह यहां से सांसद रहे 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में गयी वर्तमान में श्यामाचरण गुप्ता को यहां से सांसद चुना गया, उन्होंने सपा के रेवती रमन सिंह को शिकस्त दी थी, मुरली मनोहर जोशी तीन बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

दो बार लाल बहादुर शास्त्री और दो बार कुंवर रेवती रमन सिंह विजयी रहे, वर्ष 1988 में हुए उपचुनाव में विश्वनाथ सिंह ने कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराया था बसपा संस्थापक कांशी राम तीसरे स्थान पर रहे, प्रयागराज की दोनों लोकसभा सीटों पर छठें चरण में 12 मई को मतदान होना है। इस चुनाव में कई धुरंधर नेता अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में है। तो कई बागी होने को भी तैयार है।

हांलाकि अभी इन सीटों पर किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अब देखना है जिले में विश्व स्तरीय कुंभ कराने वाले मोदी-योगी के उम्मीदवारों को जनता आशीर्वाद देती है। या फिर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा उपचुनाव जैसा परिणाम देकर सत्ता की राह आसान बनाती हैं।

इस सीट पर अभी भाजपा ने कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को प्रत्याशी बनाया है गठबंधन ने राजेंद्र सिंह पटेल कांग्रेस से योगेश शुक्ल, आप पार्टी ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी माँ को मैदान में उतारा है, हलांकि इस सीट पर भाजपा और गठबंधन की सीधे टक्कर के आसार नजर आ रहे है।

2014 का डिटेल….

भाजपा पार्टी ने जीत दर्ज किया था श्यामा चरण गुप्ता सांसद बने थे

श्यामा चरण गुप्ता 313772 भाजपा

रेवती रमण सिंह  251763  सपा

केसरी देवी पटेल 162073  बहुजन समाजवादी पार्टी

नन्द गोपाल गुप्ता नंदी 102453  कांग्रेस