फिल्मी पर्दे पर दिखेगा सौ साल पुराना दर्द, जलियांवाला बाग हत्याकांड पर फिल्म जल्द होगी दर्शकों के बीच ……….

खबरें अभी तक। बॉलीवुड में पीरियॉडिक ड्रामा फिल्में अब काफी हद तक कॉमन हो गई हैं. दर्शक इतिहास के बड़े और चौंकाने वाले किस्से-कहानियों पर फिल्में देखना पसंद करते हैं. इसी क्रम में फैन्स को जल्द ही जलियावाला बाग पर बनी एक फिल्म देखने को मिलेगी. जलियांवाला बाग कांड को इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में गिना जाता है. इसे अमृतसर कांड के नाम से भी लोग जानते हैं.

घटना के 100 साल बात ‘यलो टर्बन फिल्म्स’ और सरबजीत बोनी दुग्गल जलियांवाला बाग कांड पर फिल्म का अनाउंसमेंट करने जा रहे हैं. फिल्म उस वक्त की दास्तां को पर्दे पर जीवंत करेगी जब हजारों लोगों ने आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अपने प्राण गंवा दिए थे. जहां तक बात फिल्म की स्टार कास्ट की है तो इसका खुलासा भी जल्द ही कर दिया जाएगा.

जलियांवाला बाग कांड को ब्रिटिश राज की सबसे भयानक घटना के तौर पर याद किया जाता है.  एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा, “फिल्म के लिए अभी और ज्यादा व्यापक रिसर्च की आवश्यकता है. यलो टर्बन फिल्म्स और सरबजीत बोनी दुग्गल इस बारे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.”

नोट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्या है जलियांवाला बाग हत्याकांड

सौ साल पहले 13 अप्रैल 1819 की बात है. उस दिन बैसाखी थी. एक बाग़ में करीब 15 से बीस हज़ार हिंदुस्तानी इकट्ठा थे. सब बेहद शांति के साथ सभा कर रहे थे. ये सभा पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं की गिरफ्तारी और रोलेट एक्ट के विरोध में रखी गई थी. पर इससे दो दिन पहले अमृतसर और पंजाब में ऐसा कुछ हुआ था, जिससे ब्रिटिश सरकार गुस्से में थी. जनरल डायर 90 सैनिकों को लेकर शाम करीब चार बजे जलियांवाला बाग पहुंचा. डायर ने सभा कर रहे लोगों पर गोली चलवा दी.

बताते हैं कि 120 लाशें तो सिर्फ उस कुएं से बाहर निकाली गई थी जिस कुएं में लोग जान बचाने के लिए कूदे थे. अंग्रेजों के आंकड़े बताते हैं कि जलियांवाला बाग कांड में 379 लोग मारे गए थे. जबकि हकीकत ये है कि उस दिन एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और करीब दो हजार गोलियों से जख्मी हुए थे. ब्रिटिश हुकूमत ने आजतक इस नरसंहार के लिए माफी नहीं मांगी है.