हरियाणा: मेवात जिला नकल मारने में हर साल रहता है सबसे आगे

ख़बरें अभी तक। हर साल प्रदेश भर के करीब 8 आख बच्चों के भविष्य का आंकलन करने वाले हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को इस बार नकल पर नकेल लगाने में काफी हद तक कामयाबी मिली है। शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार पिछले तीन सालों के मुकाबले काफी कम नकल हो पाई हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के गृह जिला में नकल का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है और वर्तमान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का जिला भी नकल करने में पिछे नहीं है।

मुख्यमंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री के गृह जिला में हर साल बढ़ रही हैं नकलें

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी हर साल प्रदेश भर के करीब 8 लाख बच्चों की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं लेता है। इस बार 7 मार्च से 5 अप्रैल तक प्रदेश भर में 1728 परीक्षा केन्द्रों पर 7 लाख 65 हजार 549 परीक्षार्थियों ने 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं दी थी। हर बार की तरह शिक्षा बोर्ड ने इस बार भी नकल रहीत-अकल सहीत परीक्षा करवाने के लिए 22 हजार 464 सुपरवाइजर, 1728 केन्द्र अधीक्षक व 356 उङनदस्ते तैनात किए थे। बावजूद इसके इस बार प्रदेश भर में नकल के 4 हजार 471 केस दर्ज किए गए। वहीं ड्यूटी में कोताही करने पर 108 केन्द्रों पर परीक्षा रद्द की गई और 99 पर्यवेक्षकों को ड्यूटी से हटाया गया।

इतनी बड़ी संख्या में नकल होने पर भी इस बार शिक्षा बोर्ड के लिए ये परीक्षाएं संतोषजनक रही। क्योंकि इस बार नकल का आंकड़ा पिछले तीन सालों की तुलना में काफी कम है। शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि साल 2017 में नकल के कुल मामले 5265, साल 2018 में 5098 और इस बार 4471 हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर हर बार की तरह सबसे ज्यादा नकल करने वाले जिलों में मेवात जिला शामिल है तथा सबसे कम नकल इस बार पंचकुला जिला में हुई हैं। उन्होंने बताया कि नकल कम होने का कारण सामाजिक चेतना व पंचायतों का सहयोग है। साथ ही शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास व डीजी राकेश गुप्ता का सहयोग भी सरहानिय रहा है।

पंचकुला, यमुनानगर व अंबाला जिलों में होती हैं सबसे कम नकलें

अब बात करते हैं जिला स्तर पर हुई नकलों की। नकलों के मामले में जिला स्तर पर बात करें तो इस बार सबसे कम नकल पंचकुला जिला में हुई हैं। इस बार की परीक्षाओं में जिला पंचकुला में नकल के 10, अंबाला में 12, यमुनानगर में 28, रेवाड़ी में 57, कैथल में 60, कुरुक्षेत्र में 70, सिरसा में 80, फतेहाबाद में 93, चरखी दादरी में 109, गुरुग्राम में 123, फरीदाबाद में 164, सीएम सिटी करनाल में 180, पानीपत में 195, शिक्षा मंत्री के गृह जिला महेन्द्रगढ़ में 200, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के जिला झज्जर में 214, रोहतक में 241, जीन्द में 283, पलवल में 332, बोर्ड की नाक के निचे भिवानी में 369, हिसार में 424, सोनिपत में 488 तथा सबसे ज्यादा मेवाल जिला में नकल के 712 केस दर्ज हुए हैं।

साल 2017 में 5265, 18 में 5098 और इस बार 4471 केस हुए हैं दर्ज

पिछले तीन सालों की बात करें तो प्रदेश भर में साल 2017 में 5265, साल 2018 में 5098 तथा इस साल 2019 में नकल के कुल मामले 4471 दर्ज हुए हैं जो साल दर साल घट रहे हैं। इन तीन सालों में खास बात ये है कि सीएम सीटी करनाल व पूर्व शिक्षा मंत्री के गृह जिला झज्जर में नकल के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। सीएम सीटी करनाल में साल 2017 में 87, साल 2018 में 111 तथा इस साल ये आंकङे बढ़ते-बढ़ते 180 हो गए हैं। वहीं झज्जर जिला में साल 2017 में 96, साल 2018 में 145 और इस साल बढ़ कर 214 हो गए हैं। बात करें शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गृह जिला महेन्द्रगढ़ की तो ये जिला करनाल व झज्जर से बहुत आगे है। महेन्द्रगढ़ में साल 2017 में नकल के 238, साल 2019 में 301 और इस साल 200 मामले दर्ज हुए हैं।

शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने  दी नकलों की पूरी जानकारी

शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि हमारा लक्ष्य नकल रुपी बुराई को खत्म करना है और सबके सहयोग व अच्छी सोच से ये कम भी हो रही है। उन्होंने कहा कि नकल करके बच्चा एक बार तो सफल हो सकता है पर अपने जीवन में कभी सफल नहीं होता। क्योंकि साल दर साल योग्यता को बढावा मिल रहा है। ऐसे में नकल करने वाले बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाएंगें और जीवन में कभी सफल नहीं होंगें। बोर्ड सचिव ने कहा कि जो बच्चा नकल करता है वो खुद को धोखा देता है। उन्होंने बताया कि इस बार 10वीं व 12वीं का परीक्षा परिणाम 20 मई से पहले घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों ने अपने गांवों में नकल रोकने में सहयोग किया उन्होने शिक्षा बोर्ड प्रस्सति पत्र व नगद राशि देकर सम्मानित करेगा।