जानिए, क्यों दिया जाता है “सियोल शांति पुरस्कार”

ख़बरें अभी तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 फरवरी से 22 फरवरी तक दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे. जहां उन्हें “सियोल शांति पुरस्कार” से नवाजा गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी पहले भारतीय हैं जिन्हें प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी को सियोल पुरस्कार समिति ने भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में उनके योगदान को मान्यता देते हुए और अमीर और गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक विषमता को कम करने के लिए उनकी विशिष्ट आर्थिक नीतियां‘मोदीनॉमिक्स’को श्रेय देते और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि, विश्व शांति, मानव विकास में सुधार और भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को देखते हुए सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है.

पीएम मोदी इस पुरस्कार से नवाजे जाने वाले 14वें व्यक्ति हैं. और पिछले बार ये पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया गया था. उससे पहले जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसी हस्तियां और डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और ऑक्सफैम जैसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय राहत संगठन शामिल हैं. बता दें कि इस अवार्ड के लिए दुनियाभर से कुल 1300 नामांकन आए थे. अवॉर्ड कमेटी ने उनमें से 150 उम्मीदवारों को अलग किया. इन 150 उम्मीदवारों में से प्रधानमंत्री मोदी का चयन किया गया. कमेटी ने पीएम मोदी को ‘द परफेक्ट कैंडिडेट फॉर द 2018 सियोल पीस प्राइज’ कहा है.

सियोल शांति पुरस्कार की स्थापना कब हुई….

24वें ओलंपिक खेलों की सफलता के उपलक्ष्य में साल 1990 में सियोल शांति पुरस्कार की स्थापना की गई थी. ये हर दो साल में दिया जाता है. इस पुरस्कार का नाम साउथ कोरिया की राजधानी ‘सियोल’ पर रखा गया है. दुनिया में अमन-चैन, एकजुटता, आपसी सहयोग और दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए पु्रस्कार को दिया जाता है.

सियोल शांति पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई…

1988 जब साउथ कोरियो में 24वें समर ओलपिंक आयोजित हुआ था उसके देशभर में के 160 देशों ने भाग लिया था. जिसके बाद इस खेल के बहाने दुनिया भर से आए लोगों ने एक ही मंच साझा किया और एकजुटता और दोस्ती की भावना पैदा हुई. जिसके बाद शांति, अमन चैन, एकजुटता और दुनिया भर में दोस्ती के लिए साल 1990 में साउथ कोरिया ने ‘सियोल शांति पुरस्कार’ की शुरुआत की.

बता दें कि सियोल शांति पुरस्कार के लिए सिनेमा, खेल, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा जैसे क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोगों को चुना जाता है, जिन्होंने समाज, शांति और एकजुटता के लिए कुछ काम किया हो. वहीं जीतने वाले व्यक्ति को एक डिप्लोमा और प्रशस्ति पत्र और इनाम राशि (200,000 अमेरिकी डॉलर) दी जाती है. बता दें, पीएम मोदी ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली तकरीबन 1,42,42,800 रुपये की धनराशि नमामि गंगे परियोजना को समर्पित किया है.