किडनी की गंभीर बीमारियों के लक्षण हैं ये, जानिए और बचिए…

खबरें अभी तक । किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग मानी जाती है क्योंकि शरीर में मौजूद गंदगी को बाहर निकालने का काम किडनी ही करती है। अगर ये गंदगी (टॉक्सिन्स) हमारे शरीर से बाहर न निकलें, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। लेकिन आजकल के गलत खानपान और जीवनशैली के कारण लोगों की किडनियां खराब हो रही हैं। किडनी आपके शरीर में ब्लड प्रेशर, सोडियम और पोटैशियम की मात्रा को कंट्रोल करती है और खून का पीएच लेवल भी मेनटेन रखती है। चूंकि किडनी के खराब होने का पता आमतौर पर तब चलता है जब किडनी 60-70 प्रतिशत तक खराब हो चुकी होती है, इसलिए ये एक खतरनाक समस्या है। आइए आपको बताते हैं कि किडनी की गंभीर समस्या (क्रॉनिक किडनी डिजीज) के क्या लक्षण हैं और कब होती है खतरे की शुरुआत।

किडनी की गंभीर समस्या के 10 लक्षण

  • सामान्य से कम पेशाब आना
  • पैरों, चेहरे और आंखों के चारों तरफ सूजन आना (ज्यादातर सुबह के समय)
  • ज्‍यादा थका हुआ महसूस करना या अधिक नींद आना
  • भूख कम लगना, मितली व उल्टी आना
  • कमजोरी लगना, थकान होना एवं शरीर में रक्‍त की कमी
  • कम उम्र में हाई ब्लड प्रेशर होना या ब्लड प्रेशर का घटते-बढ़ते रहना
  • ऊतकों में तरल पदार्थ रुकने से सूजन आना
  • भूख न लगना, वजन कम होना और सोने में परेशानी होना
  • सिर दर्द या किसी चीज के बारे में सोचने में परेशानी होना
  • कमर में पसलियों के नीचे के हिस्से में दर्द होना

क्यों होती हैं किडनी की बीमारियां

गुर्दों की समस्‍या के लिए खासतौपर पर दूषित खानपान और वातावरण जिम्‍मेदार माना जाता है। कई बार गुर्दों में परेशानी का कारण एंटीबायोटिक दवाओं का ज्‍यादा सेवन भी होता है। मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्‍यादा होती है। बढ़ता औद्योगीकरण और शहरीकरण भी किडनी रोग का कारण बन रहा है।

किडनी रोगों से बचाव के उपाय

नमक की कम मात्रा

किडनी की समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों को अपने आहार में नमक व प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है।

नियमित एक्‍सरसाइज करें

प्रतिदिन नियमित रूप से एक्‍सरसाइज और शारीरिक गतिविधियां को करने से रक्तचाप व रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सकता हैं, जिससे डायबिटीज और उससे होने वाली क्रोनिक किडनी की बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।

पानी का अधिक सेवन

कम मात्रा में पानी पीने से किडनी को नुक़सान होता है। पानी की कमी के कारण किडनी और मूत्रनली में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिससे पोषक तत्वों के कण मूत्रनली में पहुंचकर मूत्र की निकासी को बाधित करने लगते हैं। इसलिए किडनी के रोगों से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए।

वजन को नियंत्रित रखें

अधिक वजन से भी किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम से अपने वजन को नियंत्रित रखें। ऐसा करने से आपको डायबिटीज, हृदय रोग एवं अन्य बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी जो क्रोनिक किडनी फेल्योर उत्पन्न कर सकती है।

दर्द निवारक दवाओं का सेवन

दर्द निवारक दवाओं के बहुत ज्‍यादा सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा डॉक्‍टर के सलाह के बिना दवाओं को सेवन आपकी किडनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।