दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरुरी हैं ये टिप्स….

खबरें अभी तक। दिल को सेहतमंद रखने के लिए बहुत जरूरी है कि हम संतुलित जीवनशैली अपनाएं और नियमित व्‍यायाम करें। लेकिन, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी का सीधा असर हमारे नाजुक दिल पर पड़ता है। नतीजा, दिल से जुड़ी बीमारियों में इजाफा हुआ है। कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं।  ह्दय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि भगवान ने हमारा दिल 80 वर्ष की उम्र तक सही सलामत काम करने के लिए बनाया है अगर इससे पहले हमें दिल संबंधी कोई बीमारी होती है तो इसके लिए हम और हमारी दिनचर्या जिम्‍मेदार है ना कि भगवान।

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तो, संतुलित आहार और स्‍वस्‍थ्‍य जीवनशैली हमारे दिल को ज्‍यादा समय तक स्‍वस्‍थ्‍य रख सकते हैं। नियमित रूप से योग और एक्‍सरसाइज करने से रक्‍त संचार अच्‍छे से होता है जिससे दिल मजबूत होता है। खाने में कम कैलोरी वाले खाद्य-पदार्थ शामिल करना चाहिए। समुद्री मछली सालमन में ओमेगा-3 फैटी एसिड ज्‍यादा होता है जो कि दिल के लिए फायदेमंद है।

धूम्रपान को कहें अलविदा

दिल पर सबसे बुरा असर धूम्रपान का पड़ता है। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो जल्‍दी छोडने की कोशिश कीजिए। आपकी धूम्रपान की आदत छुड़ाने में खान-पान की भूमिका अहम होती है। विटामिन से भरपूर चीजें जैसे कि रसीले फल, शिमला मिर्च, आंवला आदि खाने से धूम्रपान करने की इच्छा कम होती है। शुगर फ्री कैंडी से अपने मुंह को व्यस्त रखें। धूम्रपान की तलब लगने पर कुछ सूखे मेवों की महक आपका ध्यान भटका सकती है।

योग और एक्‍सरसाइज

निष्क्रिय जीवन शैली हृदय रोग के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। इसलिए स्‍वस्‍थ दिल के लिए अपने दिनचर्या में शारीरिक गातिविधियों को शमिल करना चाहिए। हर रोज कम से कम 40 से 60 मिनट तक योगा और व्‍यायाम करने की आदत डालिए। हर रोज जागिंग और पैदल चलने जैसे एरोबिक एक्‍सरसाइज कीजिए  इसके लिए जरूरी है कि साइकिलिंग, वाकिंग, जॉगिंग, एक्सरसाइजेज और स्विमिंग कर प्रति दिन 500-950 के बीच कैलोरी जलाई जाएं। या आप अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए अपनी पसंद का कोई खेल भी खेल सकते है।

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रक्‍त चाप को नियंत्रित करें

अपना रक्‍त चाप 130/80 तक रखिए। ब्‍लड प्रेशर रीडिंग की संख्‍या अगर 140 या उससे ज्‍यादा हो जाए तो खतरनाक होता है। सिस्‍टोलिक बीपी का 120 से 139 होना और डिस्‍टोलिक बीपी का 80 से 89 होना प्री-हायपरटेंशन का संकेत है। उच्‍च रक्‍तचाप को नियंत्रित रखिए। लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल या बैड कोलेस्‍ट्राल) 100 एमजी/डीएल के नीचे होना चाहिए। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल या गुड कोलेस्‍ट्रॉल) पुरूषों में 45 और महिलाओं में 55 एमजी/डीएल से अधिक होना चाहिए। यदि एलडीएल, उचित खान-पान, व्‍यायाम और ध्‍यान आदि करने के बाद भी 15 हफ्ते से ज्‍यादा है तो डॉक्‍टर से संपर्क कीजिए।

आहार की देखभाल

दिल की देखभाल का सबसे आसान तरीका है असामान्य खान-पान पर नियंत्रण रखना। आप जो भी खाएं, उससे पहले यह सुनिश्चित जरूर कर लें कि यह आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा रहेगा या नहीं। डेयरी उत्‍पादों और मीट का सेवन कम करें। साथ ही दिल को मजबूत रखने के लिए फल और हरी सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। जिनमें विटामिन और मिनरल का अच्‍छा स्रोत होता है। सब्जियों और फलों में ऐसे तत्‍व पाए जाते हैं जो कि दिल की बीमारियों के रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।

हालांकि वा‍स्‍‍तविक लक्षण दिखाई देने से पहले दिल से जुड़ी समस्‍याओं के बारे में पता लगाना आसान नहीं होता। लेकिन जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करके हार्ट डिजीज को रोकने के उपाय किए जा सकते हैं।