जानिए किन किसानों को नहीं मिलेगी सरकार द्वारा दी जाने वाली 6 हजार राशि

ख़बरें अभी तक। धानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दिसंबर 2018 से ही फायदा देने का सरकार ने बजट में घोषणा की है. लेकिन इसके लिए एक शर्त भी लगाई गई है ताकि असली में किसानों को ही इसका लाभ मिल सके।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रुपये की सहायता लेने के लिए सरकार ने शर्त लगा दी है कि इस योजना का लाभ उन्ही किसानों को मिलेगा जिनका नाम 2015-16 की कृषि जनगणना में आता है। सरकार ने इस रिपोर्ट को पिछले साल ही जारी किया था।

इस कृषि जनगणना में लघु एवं सीमांत किसान परिवार की परिभाषा में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जिनमें पति-पत्नी और 18 साल तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और सामूहिक रुप से दो हैक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमी पर खेती करते हो। इस जनगणन का हिसाब से पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा। जिन लोगों के नाम एक फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया गया है वहीं इस योजना के हकदार होंगे।

कृषि विभाग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा।

लाभ के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए. जिसमें रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा।

यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू है, इसलिए 31 मार्च से पहले 2000 रुपये की पहली किस्त किसानों के अकाउंट में आ जाएगी। केंद्र सरकार का दावा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इस योजना पर सरकार 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। सरकार यह योजना कृषि कर्जमाफी की काट में ले आई है। सरकार का मानना है कि कृषि कर्जमाफी किसानों की समस्या का हल नहीं है।