रेलवे विभाग के स्वच्छता अभियान के दावे हुए ध्वस्त

ख़बरें अभी तक। रेलवे विभाग स्टेशनों पर और ट्रेनों में स्वच्छता के बड़े-बड़े दावे तो करता है लेकिन वो सच नजर होते नहीं आ रहे हैं। हालांकि स्वच्छता अभियान पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है फिर भी लोग विभाग की व्यवस्थाओं से खुश नहीं है। मिडिया ने जब यात्रियों से रेल की स्वच्छता के बारे में बात कि तो एक यात्री ने कहा कि उसे अमृतसर नई दिल्ली एक्सप्रेस में जालंधर के लिए जाना था।
ट्रेन जब अमृसर से से रेलवे स्टेशन तो कई कोचों पर नंबर प्लेटें ही नहीं लगी थी। यात्री नंबर प्लेट के न लगने से इधर – उधर भटकते रहे। यात्री ने कहा कि जब वो अपनी डी-7 कोच में पहुंचे तो चारों तरफ गंदगी फेली थी। कोच के दरवाजे के पास पानी जमा था। शौचालय पूरी तरह से गंदे पड़े थे और वॉसपेशन भी गंदे थे नल टुटे थे। ऐसा लग रहा था कि ट्रेनो में कई समय से स्फाई नहीं की गई थी। ट्रेनों में गंदगी इतनी थी की सांस लेना भी मुशिकल हो गया है। यात्रियों ने कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाप कारवाई होनी चाहिए ।