जानिए आज यानि 24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस

ख़बरें अभी तक। राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है. 24 जनवरी के दिन इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है। इस दिन इंदिरा गांधी पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंगिक समानता बढ़ाने और समाज में लड़कियों को भी लड़कों के बराबर अवसर सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है. वहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आइए बालिकाओं के शिक्षित करना और उनका सही पोषण की प्रतिज्ञा लें.

सरकार शिक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने और कम उम्र में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए ‘बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ’ अभियान के अलावा, विभिन्न योजनाओं के तहत कई स्‍कॉलरशिप भी प्रदान करती है. जिसके बारे में ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं नहीं जानती हैं. वहीं आज हम आपको उन स्‍कॉलरशिप के बारे में बताएंगे जो सरकार की ओर से लड़कियों और महिलाओं को दी जाती है.

प्रगति स्‍कॉलरशिप

प्रगति छात्रवृत्ति के तहत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) हर साल 4000 स्‍कॉलरशिप प्रदान करता है. ये स्‍कॉलरशिप उन घरों की लड़कियों के लिए हैं जिनकी प्रतिवर्ष आय 6 लाख रुपये है.

स्‍कॉलरशिप: इसमें लड़कियों की पूरे साल की ट्यूशन फीस या 30000 हजार रुपये और ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान 10 महीने तक 2000 हजार रुपये दिए जाते हैं.

कैसे करें आवेदन: जो इस स्‍कॉलरशिप लाभ उठाना चाहते हैं उन्होंने AICTE अप्रूव कॉलेज में अपनी योग्यता के आधार पर एडमिशन लिया हो. बता दें, एक परिवार से केवल एक छात्र इस स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकता है। इच्छुक उम्मीदवार  AICTE की आधिकारिक वेबसाइट aicte-india.org पर आवेदन कर सकते हैं.

स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) ने सोशल साइंस में रिसर्च के लिए सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है. इस स्कॉलरशिप का नाम स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड फॉर रिसर्च इन सोशल साइंसेज है. बता दें, यह स्कॉलरशिप उन छात्राओं के लिए है जो किसी यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में पीएचडी का 5 साल का रेगुलर कोर्स कर रही हैं. इस स्कॉलरशिप के लिए केवल वही छात्रा आवेदन कर सकती हैं जो अपने घर में अपने मां-बाप की इकलौती बेटी, जु़ड़वा बहनें या फिर ट्रांसजेंडर हो.

स्‍कॉलरशिप: इसमें पीएचडी के शुरुआती दो साल के लिए 25,000 रुपये प्रति माह की फेलोशिप दी जाती है. बाकी पीएचडी कार्यकाल के लिए प्रति महीने 28,000 रुपये दिए जाते हैं.  वहीं इसके अलावा पहले दो साल के लिए प्रति वर्ष 10,000 रुपये और बाकी बचे सालों के लिए  20,500 रुपये की आकस्मिकता (contingency) प्रदान की जाती है.

किन्हें मिलेगी ये स्कॉलरशिप: ये स्कॉलरशिप उन्हें दी जाएगी जिन्होंने पीएचडी प्रोग्राम में हिस्सा लिया हो. छात्राओं की आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. वहीं आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष है.

राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस मनाने का उद्देश्य

  • समाज में बालिका शिशु के लिये नये मौके देता है और लोगों की चेतना को बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय कार्य के रुप में इसे मनाया जाता है।
  • भारतीय समाज के बालिका शिशुओं के द्वारा सामना किये जा रहे है असमानता को हटाना।
  • ये सुनिश्चित किया जाये कि भारतीय समाज में हर बालिका शिशु को उचित सम्मान और महत्व दिया जा रहा है।
  • ये सुनिश्चित किया जाये कि देश में हर बालिका शिशु को उसके सभी मानव अधिकार मिलेंगे।
  • भारत में बाल लिंगानुपात के खिलाफ कार्य करना तथा बालिका शिशु के बारे में लोगों का दिमाग बदलना है।
  • बालिका शिशु के महत्व और भूमिका के बारे में जागरुकता बढ़ाने के द्वारा बालिका शिशु की ओर दंपत्ति को शुरुआत करनी चाहिये।
  • उनके स्वास्थ्य, सम्मान, शिक्षा, पोषण आदि से जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा करना।
  • भारत में लोगों के बीच लिंग समानता को प्रचारित करना।