मोदी सरकार की चुनावी सौगातें बढ़ा रही अर्थव्यवस्था का बोझ,1लाख करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना

ख़बरें अभी तक: आम चुनावों के चलते मोदी सरकार कई लोक लुहावनी घोषणाएं जनता के लिए कर रही है। किसान,गरीब और आम आदमी को प्राथमिकता देने की बात इस बार मोदी सरकार कर रही है। इन सभी वर्गों को खुश करने के लिए मोदी सरकार बिना ब्याज के लोन, प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डायरेक्ट कैश ट्रांसफर, गरीबों के खाते में न्यूनतम पैसा भेजने संबंधी योजनाओं को लागू कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था पर 1 लाख करोड़ रूपये का बोझ बढ़ सकता है।

सरकार कर सकती है बड़ी घोषणाएं
भारतीय जनता पार्टी पिछले साल पांच राज्यों के हुए विधानसभा चुनाव में तीन अहम राज्यों को अपने हाथ से गंवा बैठी है, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह किसानों का गुस्सा था क्योंकि सरकार उनकी लागत के हिसाब से फसल की कीमत मुहैया नहीं करा पा रही थी।

इस चुनाव ने निजी तौर पर पीएम मोदी की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसीलिए कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि सरकार किसानों को राहत देने के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान 1 फरवरी से शुरू होने वाले बजट में कर सकती है। हालांकि अभी इस पर कोई निश्चित फैसला नहीं किया गया है लेकिन, सूत्रों का कहना है कि सरकार डायरेक्ट फंड ट्रांसफर और ब्याजमुक्त कर्ज देकर किसानों का दिल जीतने की कोशिश करेगी।

अर्थव्यवस्था पर बढ़ेगा बोझ
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है, कि अगर सरकार ब्याज-मुक्त लोन देती है तो उसके ऊपर 12,000 करोड़ रुपये बोझ आएगा।
सरकार को इसके अलावा 40,000 करोड़ रुपये अलग-अलग स्कीमों के लिए भी खर्च करने होंगे। वहीं, निजी और कॉमर्शियल टैक्स में कटौती भी सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे सरकार को करीब 25,000 करोड़ के राजस्व में कमी होगी।
सरकार किसानों के खाते में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 2000-4000 रुपये भेजने वाली स्कीम शुरू कर सकती है. यह स्कीम बहुत खर्चे वाली है लेकिन काफी फायदेमंद भी साबित हो सकती है।