नकली चॉकलेट खाना हो सकता है स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

ख़बरें अभी तक। ऐसा कोई भी नहीं है जिसे चॉकलेट पसंद न हो या जिसने कभी चॉकलेट न खाई हो खासकर बच्चे और लड़कियां तो चॉकलेट खाना बहुत पसंद करते है। आपको ये बात सुनकर हैरानी होगी कि जिस चॉकलेट को खाना आप पसंद करते है वो चॉकलेट असल में चॉकलेट नहीं है। चॉकलेट दरअसल कोको बीन्स से बनती है, लेकिन पिछले कुछ समय से कोको बींस के उत्पादन में डिमांड की  तुलना में काफी कमी आई है। सवाल यह है कि कोको बींस का उत्पादन कम होने के बावजूद बाजार में हमेशा चॉकलेट की कमी क्यों नहीं आई।

बढ़ती डिमांड के आगे कोको बटर का उत्पादन कम है, जिसकी वजह से कोको बटर के दाम मार्केट में उंचाई छू रहे हैं। चॉकलेट में इसकी बजाय वनस्पति तेल जैसे नारियल का तेल, ताड़ का तेल, सफेद सरसों का तेल, सोयाबीन का तेल के अलावा कई तरह के तेल का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। यह सामग्री न तो सिर्फ स्वाद, बल्कि असली चॉकलेट के महक को भी खत्म करती है। साथ ही यह सेहत को भी नुकसान पहुंचाती है।  इसके प्रयोग से शरीर में डायबिटीज़, हृदय संबंधी रोग और मोटापे की परेशानी भी हो सकती है।

मार्केट में उपलब्ध चॉकलेट की सामग्री में हाईड्रोजनीकृत वनस्पति तेल शामिल किया जा रहा है, जो आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। आप जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में हाइड्रोजनीकृत तेल से निर्मित चॉकलेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है, वहां सिर्फ 100 प्रतिशत कोको बटर से निर्मित चॉकलेट ही बिक्री और खरीदने की इजाजत है। जबकि भारत में आने वाली सभी चॉकलेट, जिनमें हाईड्रोजनीकृत वनस्पति तेल होता है, उसके पैकेट पर कहीं भी ‘चॉकलेट’ शब्द का जिक्र नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि कोई भी ब्रांड यह दावा नहीं कर रहा है कि हकीकत में ये असली चॉकलेट ही है इसलिए अगली बार अपने बच्‍चों के लिए चॉकलेट्स खरीदने से पहले पूरी सर्तकता से इसे खरीदें।