मंत्री जी की फिसली जुबान क्या छात्रों को देना चाहिए था ऐसा ज्ञान

ख़बरें अभी तक। बताया जाता है छात्र उस बेल के समान होते है जिनको जिधर मोड़ा जाए वो उसी तरह मुड़जाते है यही कारण है छात्रों को सामाजिक और आधुनिक ज्ञान के लिए जगह जगह शिक्षा संस्थान खोले जाते है। लेकिन उन्हीं संस्थानों में नेताओं के द्वारा दिये गए बयान छात्रों के लिए कितने सही है और छात्रों का उनके मानसिक संतुलन पर किस तरह का असर पड़ेगा।

एक कार्यक्रम के दौरान रघुराज सिंह दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री द्वारा संबोधन दिया गया था अपने संबोधन के दौरान राज्यमंत्री छात्रों को जातिवाद को लेकर बयान देते नजर आए अपने बयान में मंत्री जी ने कहा साढ़े 2200 साल पहले क्रिश्चनो का कोई  इतिहास नहीं है साढ़ें 1400 साल पहले मुस्लिमों का कोई इतिहास नहीं है 300 साल पहले सिक्खों का कोई इतिहास नहीं है। सिर्फ सनातन धर्म था है और रहेगा बाकि सब पंथ है क्या इस तरह के बयान छात्रों की सभा मे कहने लायक है या नहीं यह एक विचारणीय विषय है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी सबका साथ सबका विकाश की बात जरती है तो वहीं उसके मंत्री सभी जाति और धर्मों का इतिहास छात्रों के सामने बता रहे है।