मोदी सरकार ने लिया किसानों के हित में निर्णय ‘इसी हफ्ते कर सकते हैं ऐलान’

खबरें अभी तक। आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सत्ता पर विराजमान सरकार और विपक्ष लोकसभा चुनावों में अपनी सरकार बनाने में जुटी हुई है. इसी के चलते हर दिन कुछ नए नियमों का ऐलान किया जा रहा है. हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी को झटका मिलने से अब बीजेपी सरकार लोकसभा चुनावों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है. जहां विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद बीजेपी आगामी चुनावों में अपनी सरकार बनाए रखना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष अपनी सरकार बनाने के लिए नए-नए हत्कंडे अपना रहा है.

आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों में हार की वजह बीजेपी किसानों का नाराज होना मान रही है इसलिए इस क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार किसानों को बड़ी सौगात देने वाली है. किसानों को सरकार अब खेती के लिए हर सीजन में चार हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आर्थिक मदद देगी. यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा.

इसके साथ ही सरकार किसानों को एक लाख तक ब्याजमुक्त लोन भी देगी. सूत्रों के मुताबिक, इसका ऐलान इसी हफ्ते किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि सरकार पर इसका भार सालाना करीब 2.30 लाख करोड़ पड़ेगा. इसमें 70 हजार करोड़ की खाद सब्सिडी समेत अन्य छोटी स्कीमों को भी शामिल किया जा सकता है.

किसानों को फसल के लिए 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सीधे उनके बैंक खातों में आर्थिक मदद भेजी जाएगी. ब्याजमुक्त फसल लोन की सीमा को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख रुपए तक प्रति किसान कर दिया जाएगा. बता दें कि अभी तक 4 फीसदी ब्याज दर की सब्सिडी दर पर किसानों को फसल ऋण मिलता था. योजना के तहत, बैंक 1 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेंगे.

बताया जा रहा है कि अपने इस फैसले को अंतिम रूप देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ-साथ नीति आयोग में त्वरित बैठकें बुलाई हैं. माना जा रहा है कि इस फैसले का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है. इस कड़ी में राजस्व, व्यय, रसायन और उर्वरक, फूड समेत नोडल मंत्रालयों के अधिकारियों को अनौपचारिक रूप से मीटिंग करने को कहा गया है. इस फैसले के ऐलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खुद किसान नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

केंद्र ने 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण के लक्ष्य को निर्धारित किया था, जिसे हासिल किया गया था. इसमें से 70 फीसदी फसल ऋण के रूप में बांटा गया है. कर्जमाफी के हो रहे ऐलानों के बीच कई बैंकों ने किसानों को ऋण देना बंद कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि नई योजना किसानों के लिए रास्ते खोलेगी और उपज को पैदा करने में कम लागत आएगा, लेकिन बढ़ते बैड लोन चिंता का विषय बने हुए हैं. कृषि क्षेत्र में बैंकों के पास लगभग 3 लाख करोड़ का बैड लोन है.

सरकार की ओर से लाई जा रही नई योजना में सीधे किसानों के खाते में आर्थिक मदद भेजी जाएगी. इसके लिए किसानों को कुछ जरूरी डेटा मुहैया कराना होगा जैसे- उपज को बेचने का समय, खरीददार की डिटेल, उसका आधार कार्ड, फसल की मात्रा, जमीन का विवरण अन्य. इन सभी डेटा को फसल की बिक्री के समय इकट्ठा किया जाएगा. केंद्र सरकार की यह योजना तेलंगाना सरकार की योजना से अलग होगी. तेलंगाना में किसानों को फसल के सीजन से पहले ही 4000 रुपए प्रति एकड़ मिल जाते हैं.