कत्ल से जुड़ा टीवी की मशहूर अभिनेत्री ‘गोपी बहू’ का नाम

ख़बरें अभी तक। टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्य का नाम इन दिनों एक हीरा व्यापारी के मर्डर मामले में सामने आ रहा है। बता दें कि देवोलीना भट्टाचार्य सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ में गोपी बहू का लोकप्रिय किरदार निभा चुकी हैं. इसके अलावा वो ‘संवारे सबके सपने प्रीतो’ में भी काम कर चुकी हैं. टीवी पर उनकी पहचान गोपी बहू की बदौलत बनी. लेकिन आज कल वे किसी सीरियल को लेकर नहीं बल्कि मुंबई में एक हीरा व्यापारी की मौत को लेकर सामने आ रही है।

बता दें कि हीरा व्यापारी को 28 नवंबर को अगवा कर लिया जाता है. अगवा किए जाने के सात दिन बाद पांच दिसंबर को उस हीरा व्यापारी की लाश मिलती है. बाद में जब व्य़ापारी के मोबाइल फोन को पुलिस खंगालती है तो उसमें से एक नंबर छोटे पर्दे की बड़ी अदाकारा देवोलीना भट्टाचार्य उर्फ गोपी बहू का निकला. फिर कॉल डिटेल खंगालने पर पता चलता है कि दोनों के बीच लंबी-लंबी बातें हुआ करती थी. इसी के बाद पुलिस गोपी बहू से पूछताछ करने का फैसला करती है.

गोपी बहू उर्फ देबोलीना भट्टाचार्य का इस हीरा व्यापारी के मर्डर से ये तार इसलिए जुड़ रहा है क्योंकि मरने से पहले उसने देवोलीना से कई बार और काफी देर देर तक फोन पर बातें की थी. अब सवाल ये कि आखिर हीरा कारोबारी राजेश्वर किशोर उदानी से टीवी एक्ट्रेस देवोलीना से क्या कनेक्शन है. हीरा व्यापारी के मर्डर के इस केस से देवोलीना के तार कितने गहरे जुड़े हुए हो सकते हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुंबई पुलिस देवोलीना से पंत नगर पुलिस स्टेशन में 20 घंटे पूछताछ कर चुकी हैं.

57 साल के राजेश्वर उदानी 28 नवंबर को अपने ऑफ़िस से निकलने के बाद लापता हो गए थे. जिसके बाद 5 दिसंबर को पनवेल के जंगलों में उनकी लाश मिली. शव की पहचान होते ही पुलिस ने इस मामले में छोटे पर्दे की मशहूर गोपी बहू देवोलीना भट्टाचार्य. महाराष्ट्र के मंत्री प्रकाश मेहता के पूर्व सचिव और नेता सचिन पवार और मुंबई पुलिस के एक कॉन्स्टेबल दिनेश पवार को गिरफ्तार किया. इन सभी हाई प्रोफाइल लोगों के तार हीरा कारोबारी राजेश्वर उदानी के मर्डर से जुड़े हैं.

वहीं पुलिस को हीरा व्यापारी राजेश्वर की कार ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर मिली. और सीसीटीवी कैमरों की जांच से पता चला कि राजेश्वर मुंबई से दूसरी कार में सवार होकर नवी मुंबई की तरफ गए थे. मगर वहां से लौट नहीं पाए और उन्हें पनवेल के जंगलों में मारकर छोड़ दिया गया.