कड़कड़ाती ठंड में भी पानी से होकर गुजर रहे नौनिहाल

ख़बरें अभी तक। मंडी जिला के करसोग उपमंडल की दुर्गम पंचायत मशोग के ग्रामीणों को आज भी खड्ड पार करके अपने घरों तक पहुंचना पड़ता है। सबसे अधिक समस्या थाची व आसपास के गांव के लोगों को झेलनी पड़ रही है। जूतों को हाथ में लिए खड्ड को पार करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प ग्रामीणों के पास नहीं है। खड्ड को पार करने में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना स्कूली छात्र व छात्राओं को करना पड़ता है। इन क्षेत्रों में रहने वाले नौनिहाल शिक्षा प्राप्त करने के लिए खड्ड के दूसरी ओर बने फेगल स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं।

इन स्कूली बच्चों को खड्ड से पार करवाने के लिए अविभावकों को सारे काम काज छोड़कर खड्ड के पास पहुंचना पड़ता है। ठंड के मौसम में नंगे पांव खड्ड को पार करना काफी मुश्किल हो जाता है, लेकिन शायद यहां से चुने हुए जनप्रतिनिधियों के पास जनता की सुध लेने की फुर्सत ही नहीं है। खड्ड के उफान पर होने के चलते अधिकतर स्कूली छात्र पुल के अभाव में कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते। यदि ऐसी स्थिति में स्कूल जाना पड़ जाए तो फिर 6 किलोमीटर का अतिरिक्त पैदल सफर करके स्कूल पहुंचना पडुता है। खड्ड के उफान पर होने के चलते आपातकालीन परिस्थितियों में ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ता है।

इस खड्ड को पार करते वक्त एक युवक इसमें बह कर अपने प्राण गंवा चुका है लेकिन वावजूद इसके इन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। शिक्षा के मंदिर तक शिक्षा ग्रहण करने पहुंच रहे नौनिहालों सहित क्षेत्र के युवाओं व बुजुर्गो के लिए पांगणा-फेगल खड्ड को पुल के अभाव में पार करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस खड्ड में 5 अन्य खड्डों का पानी भी मिलता है जिसके चलते हल्की सी बरसात में यह खड्ड रौद्र रूप धारण कर लेती है। खड्ड पर पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण न होने के चलते यहां के बाशिंदों को समझ नहीं आ रहा है कि चुने हुए प्रतिनिधि आखिरकार कहां और क्या विकास कार्य करवा रहे हैं।

ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि समय रहते इस खड्ड पर पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए ताकि स्कूली छात्रों सहित ग्रामीणों को सुविधा मिल सके। वहीं जब इस बारे में ग्राम पंचायत मशोग की प्रधान पार्वती देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह फुटब्रिज दो पंचायतों और विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा। अभी तक पंचायत ने इस संदर्भ में कभी कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया क्योंकि ग्रामीण यहां पर बड़े पुल की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रयास करेंगी कि पांगणा पंचायत के साथ मिलकर एक एस्टीमेट बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा जाए ताकि पंचायतें अपने स्तर पर इस कार्य को करवा सकें और लोगों को फुटब्रिज का लाभ मिल सके।