प्रदेश सरकार व आईपीएच विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण परेशान

खबरें अभी तक। पहाड़ी क्षेत्र की शिलाई में पीने के पानी की किल्लत किसी से छुपी नहीं ग्रमीण कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाते है। शिलाई क्षेत्र में आईपीएच विभाग ने 65 हेड पंप पूरे शिलाई क्षेत्र में लगाए जो कि आज सड़कों पर शोपिस नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में हेडपंप की स्थिति खत्म हो चुकी है कहीं कहीं जगह तो पूरा हेड पंप ही नष्ट हो चुका है इक्का-दुक्का ही पूरे शिलाई क्षेत्र में नजर आ रहे हैं।

प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों की पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए कई करोड़ रुपए की राशि इन हैंड पंप लगवाने के लिए दी थी, लेकिन अब सारी राशि नष्ट दिखती नजर आ रही है। आपको बताते चले पहाड़ी क्षेत्र में 1 हेड पम्प बनाने का खर्चा दो ढाई लाख रुपए खर्च होता है पर बड़ी बिडम्बना का विषय है कि 65 हैड पम्प में से आज इक्का दुक्का ही हेड पम्प चल रहे है।

युवाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कई करोड़ की राशि इन हैंड पंप लगवाने के लिए बर्बाद की है अगर इसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाता तो शायद आज क्षेत्र के लोगों को पानी की कमी महसूस नहीं होती गांव के लोग कई किलोमीटर दूरी पानी ठोकर लाते है शिलाई क्षेत्र में आज भी कई गाँव ऐसी है जो पीने के पानी के लिए मोहताज हो रहे हैं।